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भारतीय इतिहास में सबसे बड़ी सजा,अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में 38 को एक साथ फांसी

दिल्ली : शुक्रवार के दोपहर जब अदालत ने 13 साल तक आतंक से मिले जख्मों का दर्द सहने वाले अहमदाबाद को इंसाफ दिया तो उस समय देश के इतिहास में एक और नया पन्ना जुड़ गया। अहमदाबाद ब्लास्ट में विशेष अदालत ने धमाकों के 49 गुनहगारों को सजा दी। 38 के लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है। 11 को ताउम्र कैद में रहने की सजा सुनाई गयी है।

वहीं,अहमदाबाद ब्लास्ट में विशेष अदालत के तरफ से दिया गया यह फैसला अपने आप में एक ऐतिहासिक फैसला है। देश के इतिहास में पहली बार एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड मे ही एक साथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी।

Ahmedabad Serial Blast केस में 38 दोषियों को फांसी की सजा, एक घंटे में 21  बम धमाकों को दिया था अंजाम - ahmedabad serial blast case verdict 38  convicts death sentence july 2008 blast ntc - AajTak

बता दें कि 26 जुलाई 2008 को मात्र 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया था। शहर भर में हुए इन धमाकों में 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 FIR दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य FIR दर्ज की गई थी, जबकि विभिन्न स्थानों से जिंदा बम भी बरामद किए गए थे।

ये ब्लास्ट आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया से जुड़े लोगों ने किए थे। विस्फोट से कुछ मिनट पहले, टेलीविजन चैनलों और मीडिया को एक ई-मेल मिला था, जिसके जरिए कथित तौर पर ‘इंडियन मुजाहिदीन’ ने धमाकों की चेतावनी दी थी। पुलिस का मानना है कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए थे। इस मामले के एक अन्य आरोपी यासीन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है।