भीड़ ने क्यों फूंका रामगढ़ थाना, क्यों करनी पड़ी फायरिंग?

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कैमूर/पटना : एक युवती की हत्या के बाद उन्मादी हुई भीड़ ने कैमूर के रामगढ़ थाने पर हमला कर जमकर आगजनी की। थाने के सारे कागजात, फर्नीचर और गश्ती की तीन गाड़ियों समेत जब्त कई वाहनों को फूंक डाला गया। उपद्वावियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। हालांकि फायरिंग में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। भीड़ द्वारा पथराव में मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जख्मी डीएसपी को बेहतर इलाज के लिए बनारस रेफर कर दिया गया है। आला अधिकारी मौके पर कैम्प कर रहे हैं लेकिन इलाके में अभी भी तनाव व्याप्त है। घटना का कारण एक युवती की हत्या है। हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए थाने पर हमला कर दिया। भीड़ ने थाने में जमकर तोड़फोड़ के बाद कई गाड़ियों में आग लगा दी। इसके बाद भीड़ ने सड़क को जाम करते हुए वहां भी आगजनी की।

क्या है पूरा मामला?

मामला रामगढ थाने के बरौडा गांव का है। पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। आक्रोशित लोग युवती के शव को सड़क पर रख कर आरोपी की गिरफ्तारी और डीएम, एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि युवती शशिलता सीएसपी से पैसे निकालने के लिए पिछले दस दिनों से चक्कर लगा रही थी। लेकिन पैसे नहीं निकल रहे थे। सीएसपी संचालक बार-बार इंटरनेट स्लो होने की बात करता था। युवती को दो हजार रुपए की जरूरत थी। अंत में संचालक से बोली कि मेरा पैसा नहीं निकला तो मैं थाने में एफआइआर करा दूंगी। संचालक ने धमकी देते हुए कहा कि तुम्हें जो करना है कर लो।

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पुलिस से कहां—क्या हुई चूक?

मामला थाने में पहुंचा तो पुलिस सीएसपी संचालक को थाने लेकर आई। दूसरे दिन संचालक ने युवती को समझा—बुझाकर थाने में आवेदन देने और पैसे देने की बात कहकर उसे उसके घर से लेकर आया। पर युवती वापस घर नहीं पहुंची। आज सुबह अचानक मोहनियां स्टेशन पर तैनात रेल पुलिस ने घर वालों को सूचना दी कि उनकी बेटी रेलवे ट्रैक पर पड़ी है। फिर तो परिवार वालों के होश उड़ गए। फिर आनन-फानन में परिजन युवती को बनारस ले गए, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवती का सिर फटा हुआ था और उसके बदन पर चाकू के जख्म के निशान थे। परिजनों का आरोप है कि सीएसपी संचालक ने ही घटना को अंजाम दिया है। उस पर कार्रवाई की जाए। आज युवती के शव को लेकर परिजन और ग्रामीण थाने पहुंचे और सडक जाम कर दिया। फिर पुलिस से नोक झोक शुरू हुई।
इसके बाद पुलिस और ग्रामीण आपस में भिड़ गए। भीड़ इतनी आक्रोशित हो गयी कि डीएसपी समेत कई पुलिस कर्मियों पर पथराव करने लगी। पुलिस को उग्र भीड़ को तीतर—बीतर करने के लिए गोली चलानी पड़ी।
रमाशंकर

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