दरभंगा : दरभंगा में एक ऐसा भी प्रखंड है जहां बीडीओ एवं सीडीपीओ के अलावा कोई भी पदाधिकारी पूर्ण रूप से उस प्रखंड के प्रभार में नहीं है। हम बात कर रहे हैं गौड़ाबौराम प्रखंड की। इस प्रखंड की वास्तविक स्थिति बड़ी चौंकाने वाली है। प्रखंड की स्थापना 1996 में हुई थी। तब से लेकर अब तक इस प्रखंड का अपना कार्यालय बिरौल प्रखंड के बिरौल पंचायत में एक हरिजन छात्रावास में चलाया जा रहा है। पहले से भवनहीनता की मार झेल रहे इस प्रखंड की वर्तमान स्थिति यह है कि यहां प्रखंड मुख्यालय में प्रखंड के अधिकतर पदाधिकारी नदारद रहते हैं। कारण कि वे पूर्ण प्रभार में यहां नहीं हैं। एक तरफ जहां बीडीओ लक्ष्मण कुमार 5 दिनों की छुट्टी में है एवं उनके कार्यालय में ताला जड़ा हुआ रहता है, वहीं इसके अन्य पदाधिकारी सीओ,पीओ बीईओ बीएओ सभी का प्रभार अन्य प्रखंड के पदाधिकारी के भरोसे है। इसके अलावा अंचल कार्यालय में कर्मियों का भी घोर अभाव है। नियमानुसार यहां 6 कर्मी की नियुक्ति होनी थी। इसमें सिर्फ दो कर्मी ही कार्यरत हैं। शंभू कुमार सुमन ( लिपिक) एवं प्रधान नाजिर अनिल कुमार कारक पूरे अंचल कार्यालय का भार अपने कंधों पर उठा रखे हैं। भवन से लेकर पदाधिकारी तक के मामले में यह प्रखंड बिरौल प्रखंड पर निर्भर है। हालांकि भवन निर्माण के लिए गोदाम पंचायत के बरदाहा में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है एवं दरभंगा के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने जल्द ही भवन निर्माण कार्य पूरा कर लेने का भरोसा भी दिया है। परंतु बरसों से इंतजार कर रहे लोगों को अब इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि उनका प्रखंड मुख्यालय उनके क्षेत्र में स्थित हो एवं इसके सभी कर्मी समय पर कार्यालय में जनता को उपलब्ध हों।
(अभिलाष चौधरी)
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