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भारतीय समाज ने संभाला कोरोना जनित संकट

पाक्षिक ‘संवाद दर्शन’ के कोरोना सेवा विशेषांक का विमोचन

पटना: कोरोना जैसी बीमारी पूरे विश्व में कभी किसी ने नहीं देखी होगी। एक से एक भयंकर बीमारी का सामना पहले किया गया था। लेकिन, ऐसी बीमारी जिसमें स्वयं को बचाये रखने का खतरा सर्वाधिक था, किसी ने नहीं देखा। इसमें कोई सामने नहीं आ रहा था। स्वयं को बचाते हुए दूसरों की सहायता कैसे की जा सकती है, इसका उदाहरण स्वयंसेवकों ने दिखाया। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने संवाद दर्शन के कोरोना सेवा विशेषांक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

पटना के विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री नरेन्द्र ने बताया कि प्रारंभ के 10-15 दिन तक किंकर्तव्यविमुढ़ता की स्थिति थी। लेकिन, धीरे-धीरे सेवा के लिए समाज के बंधु सामने आने लगे। लगभग 25 प्रकार की अलग-अलग सेवाएं समाज द्वारा की गयी। पहले सबसे बड़ी समस्या लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों को निकालना था। इसके बाद लोगों के राशन की व्यवस्था करनी थी। संघ के स्वयंसेवकों ने कई स्थानों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किये। इससे समाज के लोगों के बीच एक आत्मविश्वास का माहौल बना। दिल्ली में उत्तर-पश्चिम (पूर्वांचल) के लोगों के लिए यह हेल्पलाइन जीवन-रेखा बन गयी थी। एक से दो घंटे के अंदर त्वरित सहायता पहुंचने लगी थी। विश्व की सबसे बड़ी स्लम धारावी में स्वयंसेवकों ने एक दिन के अंदर 10 हजार से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट कर दिया। नासिक में कोरोना के कारण मृत लोगों के अंतिम संस्कार का कार्य स्वयंसेवकों ने किया। प्रियजन और प्रशासन के लोगों ने भी जब अंतिम संस्कार करने से हाथ खड़े कर दिये तो स्वयंसेवकों ने यह कार्य करने का बीड़ा उठाया था।

बिहार के सेवा कार्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के द्वारा तो कई कार्य बिहार प्रांत में किए गए। कई स्थानों पर तो बाहर से आये श्रमिकों ने अपने श्रम से उस स्थान का कायाकल्प कर दिया। कई विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। ऐसे उपेक्षित स्थान को भी श्रमिकों ने अपने श्रम द्वारा सँवार दिया। चंपारण में मजदूरों ने तो इतिहास ही रच दिया। अपने श्रम से उन्होंने उद्योग स्थापित किया। आज उनके कपड़ों की धूम पूरे विश्व में हो रही है।

‘संवाद दर्शन’ के कोरोना सेवा विशेषांक की चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने कहा कि इस कोरोना के संकट काल में सभी तरह की सेवाएं संघ के स्वयंसेवकों ने की। केवल मनुष्य ही नहीं अपितु पशु-पक्षियों की भी चिंता की गयी। दरभंगा में गौवंश के लिए चारे का प्रबंध किया, तो कई स्थानों पर प्रशासन के लोगों के लिए अल्पाहार की भी व्यवस्था की गयी। बाहर से आये श्रमिकों के लिए समाज के साथ मिलकर स्वयंसेवकों ने जगह-जगह राहत केन्द्र शुरु किये। इन श्रमिकों के लिए यह केन्द्र बड़े ही सहायता के केन्द्र थे। यह विशेषांक पानी के बाहर दिखने वाली बर्फ की सिल्ली की तरह है। सिर्फ कुछ उदाहरणों का यहां संकलन किया गया है।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश नारायण सिंह उपाख्य छोटे बाबू ने किया। मंच संचालन विश्व संवाद केन्द्र के संपादक संजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रख्यात समाजसेवी पद्मश्री बिमल कुमार जैन, उद्यमी अभिषेक ओझा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह डाॅ. मोहन सिंह, सह क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, संघ के दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय, शिक्षाविद् विनीता मिश्रा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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