भारत साधु समाज की कार्यकारिणी में बोले केशवानंद— नशामुक्त हो समाज, 16 से 18 नवंबर तक अहमदाबाद में राष्ट्रीय अधिवेशन

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Swami Muktanand ji and Swami Keshwanand ji

पटना। भारत साधु समाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतगुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की अध्यक्षता में हिमालय क्षेत्र के हरिद्वार में हुई। भारत साधु समाज भारतीय विचारधारा के सभी संप्रदायों और धर्मों के विरक्त संतों का संगठन है। इस संस्था की स्थापना 1956 में हुई थी। इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में है और सभी तीर्थ स्थानों में जहाँ विरक्त संतों का निवास है। वहां इस संस्था का सुदृढ़ संगठन है। इस संस्था के संगठन की परिकल्पना प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा ने की थी। इस संगठन में राष्ट्र के सभी संप्रदायों के संत जुड़ गए हैं। अक्षरधाम के संस्थापक प्रमुख स्वामी और शिवानंद मिशन के श्री स्वामी शिवानंद सरस्वती भी इस संगठन में जुड़ गए।

धर्माचार्य श्री स्वामी हरिनारायणानंद जी महाराज स्थापना काल से ही संगठन के महामंत्री बने हुए हैं, परंतु वे 14 महीनों से अस्वस्थ चल रहे हैं। इन्होंने पिछले प्रयागराज कुंभ के अवसर पर द्वारका शारदा व जोशी मठों के शंकराचार्य जगतगुरु को लिखित रूप से अधिकृत कर दिया था कि भारत साधु समाज को वे ही सुसंगठित रूप से पुनः व्यवस्थित कर लें। अस्वस्थ होने के कारण संगठन को समन्वित रखने में स्वामी हरिनारायणानंद जी ने असमर्थता व्यक्त की थी। इसी आलोक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई और श्री स्वामी हरिनारायणानंद के कार्यकाल की सराहना की गई। साथ ही निर्णय लिया गया की आजीवन महामंत्री बने रहेंगे, परंतु उनके कार्यों के संपादन के लिए जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा उनके उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी केशवानंद जी को कार्यकारी महामंत्री घोषित किया गया। श्री शंकराचार्य जी ने अध्यक्षीय कार्यों में सहयोग के लिए कार्यकारी अध्यक्ष अग्नि अखाड़ा के सभापति श्री महंत मुक्तानंद जी को मनोनीत किया।

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भारत साधु समाज के राष्ट्रीय संगठन में पांच उपाध्यक्ष और उतने ही मंत्री का प्रावधान है। इसी प्रकार सभी प्रदेशों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, प्रदेश मंत्री व कार्यकारिणी का प्रावधान है। भारत साधु समाज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 31 सदस्य और महासमिति में 151 सदस्यों का प्रावधान है। इन सभी समितियों को पुनर्गठित करने की जिम्मेदारी संगठन के अध्यक्ष जगतगुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज ने कार्यकारी अध्यक्ष व महामंत्री को दी है। कार्यकारी महामंत्री स्वामी केशवानंद जी ने गुरुवार को पटना में बताया कि 2019 के 16 से 18 नवंबर तक (त्रिदिवसीय) भारत साधु समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद में होगा, जिसमें देश भर से दस हजार प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। इस अधिवेशन का मुख्य विषय खाद्यान्न को मिलावट से मुक्ति, देसी गायों की सुरक्षा, पौधरोपण, गंगा जैसी मुख्य नदियों को प्रदूषण मुक्त, भारत को आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा, नशामुक्ति व शिक्षा में नैतिक मूल्यों को स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में हो रहे विकास कार्यों जैसे- निर्बाध विद्युत आपूर्ति, अच्छी सड़कें, लगातार ओवरब्रिज का निर्माण सराहनीय है।

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