चुनाव परिणाम के बाद से ही महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच तनातनी जारी है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने हमेशा सत्य की राजनीति की है और वह सत्ता की भूखी नहीं है। भाजपा शिवसेना के बीच गठबंधन होने के बावजूद महाराष्ट्र में सरकार बनाने में हो रही देरी के बारे में पूछने पर संजय राउत ने कहा कि ‘महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों।
हाल ही में महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटें और शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है। 2014 की तुलना में भाजपा को कम सीटें आने के बाद शिवसेना 50:50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है। शिवसेना का कहना है कि 50 : 50 के फॉर्मूले पर आम चुनाव के पहले ही सहमति बन गई थी। इसके मुताबिक मुख्यमंत्री का पद ढाई साल के लिए भाजपा और ढाई साल के लिए शिवसेना के पास रहना है। साथ ही मंत्रिमंडल में बराबर की हिस्सेदारी। राउत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री फडणवीस कहते हैं कि 50 : 50 का फॉर्मूला कभी डिसक्सड नहीं किया गया तो हमारा ऐसा मानना है कि सच्चाई की परिभाषा में बदलाव किया जाना चाहिए।
परिणाम आने के 5 दिन बाद महारास्ट्रन के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे सामने कोई 50 : 50 जैसा कोई फॉर्मूले पर बात नहीं हुई थी। अगर ऐसी कोई बात हुई है इसके बारे में सिर्फ अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच की बात हो तो इसका जवाब और निर्णय सिर्फ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही कर सकते हैं। तथा आदित्य ठाकरे की क्या भूमिका है यह शिवसेना खुद तय करे .