Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured देश-विदेश बिहार अपडेट राजपाट

भाजपा के बाद तेजस्वी ने सहनी को दिया झटका, VIP सुप्रीमो भी नहीं रहे पीछे

पटना : विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी को राजद ने बड़ा झटका दिया है। इसके जवाब में सहनी ने भी राजद को उसी स्तर का झटका दिया है। दरअसल, कल तक वीआईपी के प्रत्याशी के तौर पर क्षेत्र का भ्रमण कर रहे मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान आज राजद में शामिल हो गए।

वहीं, राजद की सदस्यता अभियान के अहम सदस्य बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और लंबे राजनीतिक अनुभव वाले नेता रमई राम अपनी पुत्री के साथ राजद छोड़ वीआईपी का दामन थाम लिए। इसी के साथ राजद ने मुसाफिर पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया तो वहीं, मुकेश सहनी ने रमई राम की बेटी गीता देवी को अपना उम्मीदवार बनाया।

बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बोचहां सीट गठबंधन के कारण वीआईपी को मिली थी। जहां से मुकेश सहनी ने मुसाफिर पासवान को उम्मीदवार बनाया था और वे चुनाव जीते थे। दुर्भाग्यपूर्ण कोरोना के चपेट में आने के कारण उनका निधन हो गया था। इसके बाद से मुकेश सहनी मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को वहां से उम्मीदवार बनाने के लिए प्रयासरत थे। लेकिन, मुसाफिर पासवान ऐन वक्त पर मुकेश सहनी का साथ छोड़ तेजस्वी के साथ चले गए। बता दें कि पूर्व में भी इनके परिवार का राजद से राजनीतिक ताल्लुक रह चुका है।

बहरहाल, बोचहां सीट पर भाजपा अपना उम्मीदवार उतार चुकी है। भाजपा इस सीट पर उम्मेस्वार उतारेगी यह उसी समय तय हो गया था, जब मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में जाकर भाजपा को वहां से उखाड़ फेंकने की बात कह रहे थे। इसके अलावा बिहार में भी मुकेश सहनी लगातार भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। सहनी का कहना है कि बिहार में एनडीए की सरकार हमारे और मांझी जी के बदौलत टिकी हुई है। सहनी के इन्हीं सब बयानों से खार खाए भाजपा इन्हें सबक सिखाने के लिए आतुर थी।

इसके अलावा भाजपा को एक और मौका मुकेश सहनी ने ही दे दिया। मुकेश सहनी ने स्थानीय प्राधिकार कोटे से बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर भाजपा के कई उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इसके बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि सहनी ने तो गलती कर दी है, अब उन्हें इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भाजपा हर हाल में बोचहां सीट पर अपना उम्मीदवार देगी।

हालांकि, मुकेश सहनी को भी इस बात का एहसास था कि मौका मिलते ही उन्हें NDA से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने जनवरी में ही कहा था कि मैं एनडीए से बाहर नहीं निकलना चाहता, लेकिन मुझे जबरन निकाला जा रहा है।