भगदड़ और हादसों ने छठ पर प्रशासनिक दावे की खोली पोल
पटना : छठ महापर्व के दौरान बिहार में प्रशासनिक चुस्ती के तमाम दावे फेल हो गए। औरंगाबाद स्थित देव सूर्य मंदिर में जहां छठ के दौरान भगदड़ मच गई जिसमें दबकर दो बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। वहीं, समस्तीपुर में श्रद्धालुओं की भीड़ पर मंदिर की दीवार गिर गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इन दो घटनाओं के अलावा छठ के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में डूबने से 20 से अधिक लोगों की मौत होने की सूचना है।
समस्तीपुर में सुबह के अर्घ के वक्त हादसा
समस्तीपुर के हसनपुर थाना क्षेत्र स्थित बड़गांव स्थित काली मंदिर में छठ के दौरान मंदिर की दीवार गिर गई। हादसा तब हुआ जब प्रात:कालीन अर्घ्य देने के बाद छठ व्रती और उनके स्वजन वहां खड़े थे। अचानक मंदिर की दीवार का एक बड़ा भाग कई लोगों के साथ तालाब में जा गिरा। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। मलबे के नीचे से तीन शव निकाले गए।
देव में सायंकाली अर्घ के दौरान भगदड़
छठ के सायंकालीन अर्घ के दौरान औरंगाबाद के देव में लगने वाले मेला में मची भगदड़ के कारण करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। भीड़ में दबकर दो बच्चों की मौत हो गई। मृतक बच्चों में एक प्रिंस कुमार आरा का निवासी था। दूसरी मृतक बच्ची रिंकू कुमारी बिहटा की रहनेवाली थी।
उधर पुर्णिया में 4 लोगों समेत विभिन्न जिलों से छठ के दौरान 20 से अधिक व्यक्तियों के डूब जाने की सूचना मिली है। प्रशासन ने दावा किया था कि सुरक्षा की चाकचौबंद व्यवस्था की गई है। लेकिन तमाम प्रशासनिक दावे गलत साबित हुए।