पटना : बिहार के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के जीवन पर आधारित बायोपिक उनकी मृत्यु के बाद भी पूरी होगी। प्रख्यात फिल्मकार प्रकाश झा ने इस फिल्म को पूरा करने का न केवल संकल्प लिया है, बल्कि उनके जीवन के कई पक्षों पर अध्ययन के लिए बाजाप्ता एक टीम भी पटना भेज दी है।
बिहार भेजी टीम, गणितज्ञ पर रिसर्च शुरू
प्रकाश झा के बारे में एक बात प्रचलित है कि फिल्म बनाने के पहले वे कई कोणों से रिसर्च करते हैं। तब वे फिल्म की कल्पना व निर्देशन में हाथ डालते हैं। इस संबंध में पूछने पर प्रकाश झा कहते हैं कि उनकी निजी मुलाकात भी उनसे हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम उनके ही नेतृत्व में नासा भी जाएगी जहां उन्होंर्ने आइंस्टीन की थ्योरी को चैलेंज करते हुए दुनिया का ‘द पीस आफ स्पेस’ थ्योरी दी।
बसंतपुर से नासा तक की यात्रा का फिल्मांकन
उनका रिसर्च वर्क का रहस्यमय तरीके से गायब होना फिल्म का अहम हिस्सा होगा। कारण-इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज में रिसर्च वर्क की चोरी आम है। सचमुच यह एक दिलचस्प फिल्म होगी कि आखिर उनका रिसर्च वर्क हुआ क्या? प्रकाश झा कहते हैं- कुछ लोगों ने मुझे बताया कि वह जल गया। इसके जवाब में कहते हैं कि जलाने का क्या मतलब? वैसे भी पढ़ने-लिखने की चीजों को जलाने की परम्परा भारत क्या किसी भी देश में नहीं है। फिल्म के एक शाॅट रिसर्च की खोज पर केन्द्रित होगा।
फिल्म में भोजपुर स्थित उनके गांव बसंतपुर से लेकर नासा तक की यात्रा को दिखाया जाएगा। स्कूली जीवन में उनकी प्रतिभा का पकटीकरण व गणित के कई सूत्रों को ईजाद संबंधी तथ्यों को भी बारकी से उकेरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि उनके समकालीन वैज्ञानिक व गणितज्ञों से भी वार्ता की जाएगी और अगर वे पर्दे पर आना चाहें तो वे आ भी सकते हैं। बिहार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रकाश झा ने बताया कि वे निकट भविष्रू में ही बिहार आएंगे और उनका गंाव स्थित घर को भी शुुट करना चाहेंगे जहां उन्होंने दीवारों पर कई सूत्रों को उत्कीर्ण कर रखा है।