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छात्रों के लिए इसबार की बसंत पंचमी बेहद खास, बन रहे सिद्ध-साध्य और रवि योग

पटना : बसंत पंचमी यानी 5 फरवरी शनिवार के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अराधना का पर्व मनाया जाएगा। कोरोना के चलते चूंकि सार्वजनिक पूजा-पाठ की बंदिशें चल रही हैं, लेकिन युवा और छात्र उत्साह से लबरेज हैं। देवी सरस्वती की अराधना से जुड़े इस पर्व को बागेश्वरी जयंती और श्री पंचमी भी कहा जाता है। इस साल का बसंत पंचमी पर्व काफी खास है। ज्योतिष के हिसाब से इस दिन कई विशेष योगों का निर्माण हो रहा है। इस कारण छात्रों के लिए विशेष मुहूर्त या योग में पूजा-पाठ से काफी सकारात्मक असर उनके करियर पर पड़ने वाला है।

ग्रहों की खास स्थिति और योग

ज्योतिर्विदों के अनुसार इसबार सरस्वती पूजा पर ग्रहों की खास स्थिति होगी। इससे ऐसे योग बन रहे हैं जिनसे इस तिथि की शुभता और फल प्रदान करने की शक्ति बहुत बढ़ जाएगी। अबकी वसंत पंचमी के मौके पर ऐसे तीन योग बन रहे हैं। छात्रों के लिहाज से देखें तो इस बार वसंत पंचनी के मौके पर सिद्ध, साध्य और रवि योग के त्रिवेणी योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ये त्रिवेणी योग, विद्यारंभ समारोह के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए दिन आप अपने बच्चों का विद्यारंभ संस्कार आरंभ कराते हुए उन्हें मां सरस्वती का आशीर्वाद दिला सकते हैं।

ये है पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 फरवरी को प्रातः 3.49 बजे से रविवार के दिन प्रातः 3.49 बजे तक रहेगी। इसी समय 4 फरवरी को 7:10 बजे से 5 फरवरी को शाम 5:40 तक सिद्धयोग रहेगा। फिर 5 फरवरी को शाम 5.41 बजे से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4:52 बजे तक साध्य योग रहेगा। इसके अलावा इस दिन दिन रवि योग का सुन्दर संयोग भी बन रहा है। ऐसे में ये त्रिवेणी योग छात्रों के लिए लिए विशेष शुभ सिद्ध होंगे।

त्रिवेणी योग और बुद्धादित्य योग

इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन सूर्य और बुध ग्रह, मकर राशि में एक साथ विद्यमान होंगे। जिस कारण बुद्धादित्य योग का निर्माण हो रहा है। चूंकि बुध ग्रह को वाणी और बुद्धि का ग्रह माना जाता है। इसलिए इस योग में ज्ञान, कला और बुद्धि की देवी मां सरस्वती का पूजन करना बेहद शुभ और फलदायक होगा।

गुप्त नवरात्रि का हो रहा आरंभ

इसके साथ ही इस दिन सभी नव ग्रह चार राशियों में ही रहेंगे, जिससे केदार योग का भी निर्माण हो रहा है। वहीं 2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि का आरम्भ भी हो चुका है। इस तरह इस बार बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कई मायनों में अत्यंत फलदायक होगा।