बाढ़ से तीन बार विधायक रहे ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को झेलना पड़ा भारी जनाक्रोश
- पहुंचे थे ‘उमानाथ धाम’ के सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास करने
बाढ़ : बाढ़ विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू को शनिवार को नगर परिषद क्षेत्र में भारी जन आक्रोश का सामना उस समय करना पड़ा, जब वे तीन करोड़ की लागत से सुविख्यात ‘उमानाथ धाम’ सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास करने वहां पहुंचे।
नगर परिषद क्षेत्र के लोगों ने ‘उमानाथ धाम’ के एक रास्ते को लोहे का पोल एवं बांस से जाम कर दिया और मुख्यमार्ग पर विधायक विरोधी जोरदार नारे लगाए किसी तरह विधायक ज्ञानू ‘उमानाथ धाम’ पहुंचे, जहां उन्हें जलजमाव का भी सामना करना पड़ा। हर जगह लोगों ने उनका विरोध किया। क्योंकि उमानाथ धाम में बरसों से बनकर तैयार सामुदायिक सुलभ शौचालय को विधायक के आगमन पर बाढ़ नगर परिषद द्वारा दरवाजा खोला गया था।
इसी गहमागहमी के बींच विधायक श्रीज्ञानू ने शिलान्यास कार्यक्रम को सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने के निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए शिलान्यास किया। प्रेस को संबोधित करने के लिये बनाये गये मंच पर भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। पत्रकारों के तीखे सवाल पर भी विधायक श्रीज्ञानू सबालों को नजरअंदाज करते दिखे।
ज्ञात हो कि विधायक श्रीज्ञानू के काफिला में आमजनता कम ठेकेदार ज्यादा दिखायी दे रहे थे। जनआक्रोश के बावजूद भी विधायक संभल नहीं पाये और जनसंपर्क के दौरान सदर बाजार को घंटो अपने गाड़ियों के काफिले सेजाम कर दिया। वाहनों की कतार की वजह से सदर बाजार पूरी तरह करीब एक घंटा के लिये जाम हो गया तथा जाम में फंसे लोग भी विधायक श्रीज्ञानू पर आक्रोश जताते नजर आए।
पिछले 15 वर्षों में यह पहला मौका था,जब विधायक श्रीज्ञानू को इतना आक्रोश झेलना पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि इनका आम जनता से कोई सरोकार नही है जब कभी भी बाढ़ आते हैं तो कुछ खास लोगों से ही मिलते हैं तथा आम पब्लिक से इन्हें कभी कोई नाता नहीं रहा है। बावजूद इसके बाढ़ विधायक श्रीज्ञानू में एक खूबियां जरूर है कि आम पब्लिक पर पकड़ भले इनकी कम हो,पर प्रशासनिक महकमा में इनकी पकड़ का कोई सानी नहीं है। विधायक श्रीज्ञानू मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सर्वाधिक करीबी माने जाते हैं।
बाढ़ से सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट