बाढ़ से 50 लाख की आबादी बेहाल, लगातार बढ़ रहा मौतोंं का आंकड़ा
पटना : बाढ़ के प्रकोप से बेहाल बिहार में डूबने से होने वाली मौतों का आंकड़ा आज मंगलवार को जहां 50 के करीब पहुंच गया, वहीं लगभग 50 लाख की आबादी जहां—तहां और जैसे—तैसे जीवन बसर करने को मजबूर है। हालांकि सरकारी आंकड़ा महज 24 मौतों की ही पुष्टि कर रहा है। बिहार के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें सीतामढ़ी, मोतिहारी, शिवहर, मधुबनी, अररिया, सुपौल, किशनगंज आदि जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के नए इलाकों में बाढ़
आज मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। रोसड़ा में कोसी—कमला के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। बिथान थाना के चार पंचायत जलमग्न हो गए हैं। रोसड़ा प्रखंड मुख्यालय से गांवों का संपर्क कट गया है। यहां जलस्तर करीब 3 फीट बढ़ जाने से लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं।
दरभंगा-सीतामढ़ी पुल बहा, महाराजी बांध टूटा
दरभंगा को सीतामढ़ी से जोड़ने वाला पुल आज देखते ही देखते नदी के तेज धार में बह गया। इससे दोनों जिलों के बीच आवाजाही रुक गई। दरभंगा से जाले होते हुए सीतामढ़ी को जोड़नेवाली बाइपास सड़क पर बने इस पुल के बह जाने से प्रखंड मुख्यालय और एनएच—57 से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। वहीं मधुबनी के बेनीपट्टी में महाराजी बांध कई जगहों से टूट गया जिससे पश्चिमी क्षेत्रों के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए। कई गांवों का मुख्य सड़क से सम्पर्क कट गया है।
अररिया, किशनगंज, सुपौल में तो हालात और भी ज्यादा गंभीर होते जा रहे हैं। यहां कोसी और कमला—बलान ने भारी तबाही मचाई है। दो नदियों के बीच वाला हजारों एकड़ और सैकड़ों गांवों वाला पूरा इलाका डूब गया है। लोग छतों पर और ऊंचे स्थानों पर बस सरकारी मदद की आस के भरोसे वहां टिके हुए हैं। कमोबेश यही हाल पूर्णिया और कटिहार के इलाके में भी है।