पटना : मंगलवार को विधानसभा में बाढ़ के मुद्दे पर राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिसपर किसी का नियंत्रण नहीं। सरकार पूरी ताकत से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी है। इस आपदा से सूबे के 12 जिले प्रभावित हैं और अबतक बाढ़ से 25 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 199 शिविरों में 1.16 लाख लोग घर—बार छोड़कर शरण लिये हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे खुद सारे चीजों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और आज फिर बाढ़ प्रभावित जिलों का सर्वेक्षण करेंगे।
विधान सभा में दिया आश्वासन, राहत में नहीं होगी कमी
मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत सामग्री की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मौजूदा बाढ़ को सीएम ने फ्लैश फ्लड की संज्ञा देते हुए कहा कि राज्य में काफी दिनों के बाद समय से पहले इतनी वर्षा हुई है। इसीलिए समय से पहले बाढ़ आई है। इसके बाद हमें सूखा का सामना करने के लिए भी तैयार रहना है।
फ्लैश फ्लड की बजह से मौजूदा आफत
उन्होंने इस फ्लैश फ्लड के लिए बिहार और नेपाल में हुई भारी वर्षा को जिम्मेवार बताया। सीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के साथ हमारी संवेदना जुड़ी है। जो लोग भी बाढ़ में फंसे हैं, उनको फसल बीमा समेत हर तरह की मदद दी जाएगी। अधिकारियों को बाढ़ राहत में रात—दिन एक करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल सूबे में ऐसी स्थिति है जहां हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।