बारह दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला का हुआ समापन

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पटना : एक पत्रकार को कभी डर कर नहीं रहना चाहिए। ऐसा वह कभी न सोचे कि अगर वह बड़ा नेता है तो हमें कम बोलना चाहिए। जब तक हमारे सभी सवालों के जवाब न मिलें, तबतक हमें बातचीत का क्रम जारी रखना चाहिए। अटल जी प्रधानमंत्री होते हुए भी पत्रकार थे। अटल जी के साथ अपने संबंधों को साझा करते हुए उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने विश्व संवाद केंद्र के 12 दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर कही। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षुओं को हिदायत दी, अपने अंदर के पत्रकार को कभी मरने मत दीजिए।
मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि आज के दौर में सबसे पहले अपने पर विश्वास करना चाहिए। आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी होती है। विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार ने संस्थागत कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि 2004 से इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। संस्था से जुड़े सैकड़ों पत्रकार आज पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम उज्ज्वल कर रहे हैं। धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष श्री प्रकाश नारायण सिंह ने किया।
वर्ष 2019 के 12 दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला में इस बार ‘पत्रकारिता के नए आयाम’ के तहत सोशल मीडिया के सभी आयामों पर विस्तार से प्रशिक्षुओं को जानकारी दी गयी। कार्यशाला के प्रतिभागियों ने ‘युवा शक्ति’ नामक अपनी पत्रिका का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों द्वारा कराया। पत्रिका का संपादन अभिषेक कुमार ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों को अंगवस्त्र दे कर सम्मानित किया गया।
मौके पर इवेंट एक्सपर्ट गुंजन आंनद, फिल्मकार प्रशांत रंजन, पटना लॉ कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर गुरु प्रकाश, लेखिका महिमा श्री, युवा लेखक अभिलाष दत्त, वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकांत व्यास इत्यादि उपस्थित थे।

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