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बामेती के सेमिनार में बोले कृषिमंत्री, जल के हर बूंद के उपयोग को ले बढ़े जागरुकता

पटना : ग्लोबल वार्मिंग से हम सभी का जीवन प्रभावित हो रहा है। इसके दुष्प्रभाव से खेती—किसानी भी अछूते नही बचे हैं। इसके कारण ही कहीं असमय बाढ़, तो कहीं सूखे का सामना लोगों को करना पड़ रहा है, वहीं कई जगह पेयजल के गंभीर संकट को झेलने को विवश हैं। ऐसे में प्रकृति का संरक्षण हम सब की जिम्मेवारी है। इसी आशय के साथ कल जल शक्ति अभियान के तहत जनजागरुकता अभियान की शुरुआत की गई। आप सभी से मेरी अपील है कि इस काम में सरकार के बराबर के भागीदार बनें और दूसरों को भी इस मुहीम से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। उक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बुधवार को बामेती में आयोजित फार्म मशीनरी आंतरप्रेनूइरशिप सेमिनार के उद्घाटन के असवर पर कहीं। विषय था— ‘कृषि यांत्रिकरण में उद्यमिता विकास।’

कृषि मंत्री ने जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कल जल शक्ति अभियान के तहत जनजागरुकता अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आप सभी से मेरी अपील है कि इस काम में सरकार के बराबर के भागीदार बनें और दूसरों को भी इस मुहीम से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि यंत्र उत्पादन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य सरकार इन यंत्रों के निर्माताओं को हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। स्थानीय स्तर पर कृषि यंत्रों के निर्माण से यंत्रों की लागत मूल्य में कमी आएगीजिसका सीधा फायदा हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को मिलेगा।

मंत्री ने जानकारी दी ​कि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार पानी की हर एक बूंद के उचित उपयोग को बढ़ावा दे रही है। ‘हर बूंद-अधिक फसल’ योजना के तहत सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये का फंड सृजित किया है, जिसके तहत देश के हर राज्य में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई विधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को फायदा पंहुचाने के साथ-साथ यह योजना जल संचयन में भी अहम भूमिका निभा रही है।

डॉ. कुमार ने कहा कि बिहार में कृषि यंत्र उत्पादन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. राज्य सरकार इन यंत्रों के निर्माताओं को हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। स्थानीय स्तर पर कृषि यंत्रों के निर्माण से यंत्रों की लागत मूल्य में कमी आएगी जिसका सीधा फायदा हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को मिलेगा। सेमिनार में कृषि यांत्रिकरण की नवीनतम तकनीकों और सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा हुई।