बालू माफियाओं की तन गईं राइफलें, पुलिस लाचार

0

पटना : पटना के मनेर, बिहटा और पालीगंज के इलाके में बहने वाली सोन नदी का पानी कभी भी ‘खूनी लाल’ हो सकता है। वजह, बालू के रूप में इस नदी और इसकी पेटी में बहती अकूत दौलत है। इसपर कब्जा जमाने के लिए माफिया गिरोहों के बीच यहां कभी भी गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज सकती है जो सोन के पानी को खून से लाल कर देगी। उधर, घटना की आंशंका को देखते हुए पालीगंज के एसडीओ ने करीब 20 दिनों पूर्व ही पुलिस को निर्देश दिया था कि मामले की छानबीन कर अविलम्ब उन्हें रिपोर्ट सौंपे। पर, 20 दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने भौतिक सत्यापन नहीं किया और न ही रिपोर्ट दी।

बालू की निकासी कहीं और से तथा स्टोरेज कहीं और

मिली जानकारी के अनुसार पालीगंज थानांतर्गत जलपुरा गांव के ग्रामीण किशोर कुमार ने जलपुरा मौजा के खाता संख्या 323,324,325 व 466 पर अपना लीज दर्शाते हुए एसडीओ को कहा है कि राम विनय सिंह, पार्वती देवी तथा नंद सिंह से पांच वर्षों के लिए यह भूमि लिया है। उक्त भूखंड पर सोन नदी से बालू निकाल कर अवैध ढंग से भंडारण किया जा रहा है। दूसरी ओर, उनका यह भी कहना है कि कंपनी के लोग हथियारों का प्रदर्शन कर रहे हैं। जो कभी भी खूनी रूप ले सकता है।

swatva

गिरोहों में विवाद से सहमा इलाका, एक भूखंड पर दो दावेदार

इधर, राजीपुर स्थित मां दुर्गा बालू घाट के संचालक ने मामले को बेबुनियाद बताया है। दिलचस्प यह कि बालू को पेट्रोलियम की तरह निकालने वाले गिरोहों में से एक बरदा गांव निवासी निरंजन कुमार ने बताया है कि जिस लीज वाले भूखंड पर किशोर कुमार ने दावा किया है कि वह भूखंड उनके स्वामित्व में है, उसे पार्वती देवी ने पहले ही लीज आउट कर दिया है। नतीजतन, वह अपने लीज के आधार पर बालू का भंडारण कर रहे हैं।
दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि पूलिस ने महकमे की एक खास लाॅबी के निर्देश पर रिपोर्ट एसडीओ को अभी तक नहीं दी है। इससे मामला गंभीर बना हुआ है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोन नदी के उन तटों पर भी भंडारण और उत्खनन हो रहा है जहां माइनिंग विभाग ने अनुमति नहीं दी है। अर्थात यहां सोन नदी में माफियाओं की चलती है। पुलिस की नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here