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बाल विवाह और दहेज़ उन्मूलन कानून लागू करने को अधिकारियों का प्रशिक्षण

पटना : राजधानी के होटल अशोक में बाल विवाह और दहेज़ उन्मूलन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में पूरे बिहार के 534 प्रखंड विकास पदाधिकारि शामिल हो रहे हैं। बाल विवाह की रोकथाम को लेकर बनाए गए कानूनों का अनुपालन कैसे किया जाय, इस पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर अपर मुख्य सचिव ( बिहार सरकार) अतुल प्रसाद और सचिव पशुपालन डॉ एन विजय लक्ष्मी मौजूद रहे।
डॉ एन विजय लक्ष्मी ने कहा कि आज भी बिहार में 42 परसेंट बाल विवाह हो रहे हैं। पहले यह आंकड़ा 60 परसेंट था। इसको रोकने की ज़िम्मेदारी पूरे समाज की है। एन विजय लक्ष्मी ने पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि यदि आपलोग अपनी ज़िम्मेदारी सही ढंग से निभायेंगे तो बाल विवाह और दहेज अपने आप बहुत हद तक नियंत्रित हो जाऐंगे। उन्होंने कहा की चाहे जिला स्तर पर हो या प्रखंड स्तर पर या राज्य स्तर पर, हर स्टेज पर दहेज़ और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीवी पर पिछले दो वर्षों से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। टीवी पर भी दहेज़ और बाल विवाह पर रोज़ एड आ रहे हैं। 8 हज़ार से ज्यादा पंचायतों को भी इस अभियान से जोड़ा जाना चाहिए ताकि व्यापक स्तर पर जन-जागरण और प्रचार प्रसार किया जा सके। 6 लाख से ज्यादा विकास मित्र हैं। उन सभी का ग्रुप बनाकर इस अभियान से जुड़े सदस्य उसमें शामिल होकर दहेज़ और बाल विवाह के खिलाफ चल रहे अभियान को सफल बना सकते हैं। एन विजय लक्ष्मी ने बताया कि पिछले एक साल के दौरान कई लड़कियों ने शिकायत करके अपनी शादी रुकवाई है। इन सभी लड़कियों को रोल मॉडल के तौर पर हमलोग पेश करना चाहते हैं। सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक बाल विवाह में शामिल होनेवाले लोग, शादी करवाने वाले पंडित, खाना बनाने वाले के खिलाफ भी कड़ी करवाई करने का निर्देश है।
वहीं अपर सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि सरकार ने बाल विवाह और दहेज़ के खिलाफ कानून को और भी सख्त बना दिया है। लड़की यदि शिकायत करती है तो उसके शिकायत पर पोस्को एक्ट के तहत पति के खिलाफ भी करवाई की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दहेज़ और बाल विवाह पर मानिटरिंग करती है। हर लेवल पर इससे संबंधित रिपोर्ट की जा रही है और उस पर करवाई भी हो रही है।
मानस दुबे