पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के 8 दिन बाद भी राज्य के प्रमुख दलों ने सीटों को लेकर घोषणा नहीं की है। हालांकि, बदलते राजनीतिक हालात और बनते-बिगड़ते समीकरण को लेकर सभी प्रमुख दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर निर्णय अंतिम दौर में है। इसको लेकर पटना में बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, संगठन महामंत्री नागेंद्र जी समेत भाजपा के कई नेताओं की मौजूदगी में सीटों को लेकर बात-चीत चल रही है।
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री आवास पर सीएम नीतीश की अध्यक्षता में सीटों को लेकर बात-चीत चल रही है। इस बैठक में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी, संगठन महासचिव आरसीपी सिंह, लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह, विजेंद्र यादव तथा विजय नारायण चौधरी मौजूद हैं। जबकि, दिल्ली में चिराग पासवान, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच बात-चीत चल रही है।
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जदयू 110-115 के बीच सीटें अपने पास रखना चाह रही है। वहीँ, जदयू भाजपा को 102-105 सीटों पर चुनाव लड़ने की सलाह दे रही है। जबकि, लोजपा को 23-25 सीटें देने की बात चल रही है। साथ ही जदयू मांझी को 5-6 सीटें अपने कोटे दे सकती है।
इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि लोजपा किसी भी तरह NDA से अलग हो जाए। क्योंकि जदयू के आंतरिक सर्वे में यह बातें सामने आई है कि हाल के दिनों में लोजपा और जदयू के बीच ज़ुबानी जंग के कारण लोजपा के कार्यकर्त्ता नीतीश कुमार से खासे नाराज हैं। जिसका खामियाजा नीतीश को भुगतना पड़ सकता है! और इससे भाजपा को फायदा हो सकता है। इस लिहाज से नीतीश कुमार लोजपा के प्रति अभी तक अपना रुख़ नहीं बदले हैं। अगर, नीतीश कुमार की बेरुखी की वजह से लोजपा अलग होने का निर्णय लेती है तो लोजपा के कैडर की भारी नाराजगी जदयू को झेलनी पड़ सकती है।
हालांकि इस बीच यह भी जानकारी मिल रही है कि नीतीश कुमार इस शर्त पर लोजपा को साथ रखने के लिए तैयार हैं जब जदयू को भाजपा व लोजपा की कुछ पारंपरिक सीटें दी जाते है तब, इस क्रम में दीघा, बाढ़, बक्सर, पालीगंज, भभुआ, सासाराम, सन्देश व लखीसराय की एक सीटें समेत कुछ पारम्परिक सीटें जदयू चाहती है। इसके अलावा चिराग भी 20 मनपसंद सीटें चाहते हैं। वहीं, भाजपा जदयू और लोजपा के इस प्रस्ताव को लगभग स्वीकार कर चुकी है।
वहीँ चिराग पासवान कल यानी 3 अक्टूबर को पार्टी के संसदीय बोर्ड के साथ बैठक करेंगे और कुछ सार्थक निर्णय लेंगे। हालाँकि उनका कहना है कि भाजपा को 102, नीतीश को 96, लोजपा को 36 और बाकी बची सीटें अन्य छोटे दल जो NDA के साथ आना चाहते हैं उनके लिए। लेकिन, वर्तमान परिस्थिति में लोजपा 32 सीटों पर संतोष करने को तैयार है।