उत्तर प्रदेश : यूपी में विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। अभी तक के रुझानों की बात करें तो भाजपा यहां दोबारा सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है। भाजपा फिलहाल 270 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाती हुई नजर आ रही है। लेकिन, इसी बीच विधानसभा चुनाव में भाजपा से अलग हुए उन बागी नेताओं की चर्चा काफी तेजी पकड़े हुए हैं। क्योंकि इन नेताओं की जीत की संभावना कम ही दिख रहा है। अपने सीटों पर लागतार पीछे चल रहे हैं। जिनमें योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य एवं दारा सिंह चौहान के अलावा सुभासपा के नेता ओपी राजभर शामिल है। इन लोगों से चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ कर सपा के साथ चले गये थें।
एक बार फिर से सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही भाजपा
बता दें कि, इन नेताओं ने इस आस से पार्टी बदली थी कि इस बार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी क्योंकि उत्तर प्रदेश का इतिहास रहा है की एक ही मुख्यमंत्री लगातार दो बार सत्ता की कुर्सी पर नहीं बैठा है। इसलिए इस बार समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। लेकिन ऐसा होता दिख नही रहा है, एक बार फिर से ना सिर्फ भाजपा सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है, बल्कि योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनते हुए भी नजर आ रहे हैं। जिसके बाद इन नेताओं की किस्मत बिगड़ती हुई दिख रही है और इनको चौतरफा हार का स्वाद चखना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश राजनीति की जानकारों की मानें तो इन नेताओं ने उत्तर प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति को हवा देने की भरपूर कोशिश की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो बीजेपी और आरएसएस को सांप तक बता दिय़ा था और कहा था कि मैं इनका फन कुचल दूंगा। लेकिन आज चुनाव के नतीजे जो आते दिख रहा है, वह तस्वीर एकदम उलट दिख रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य खुद फाजिलनगर से पीछे चल रहे हैं, तो वहीं सुभाषपा के ओपी राजभर जहूराबाद से पीछे चल रहे हैं।
वहीं भाजपा छोड़ कर सपा में आने पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान भी घोसी विधानसभा सीट से पीछे चल रहे हैं। इस सीट से विजय राजभर आगे चल रहे हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार में शामिल उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपना सीट हारते हुए नजर आ रहे हैं। इस सीट पर सपा की टिकट से चुनाव लड़ रही पल्लवी पटेल फिलहाल पीछे चल रही है। वहीं भाजपा के साथ चुनाव लड़ रही अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल आठ सीटों पर अपनी बढ़त बनाई हुई है।