पटना : बिहार में जातीयता और जातीय कटुता के आधार पर राजनीतिक रोटी सेंकने का खेल पुराना है। आरक्षण का मुद्दा ठंडा पड़ जाने के बाद अब जातीय जनगणना के आधार पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए NDA का एक घटक दल जदयू और राजद में होड़ लग गई है। इस मामले को लेकर भाजपा तार्किक जवाब देने में चूक रही है। लेकिन, अब जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा को मुखरित करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बिहार आ रहे हैं। बी एल संतोष 23-24 मई को बिहार दौरे पर रहेंगे।
वैसे, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष के दौरे को लेकर यह कहा जा रहा है कि वे सभी MLA-MLC, प्रदेश पदाधिकारी, भाजपा के सभी अनुषांगिक संगठन तथा अंतिम दिन नीतीश कैबिनेट में शामिल सभी मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। साथ ही देश की सत्ता की बागडोर सम्भाले नरेंद्र मोदी नेतृत्व की सरकार को मई, 2022 में आठ साल पूरे हो गए हैं। इसलिए 30 मई से 15 जून तक ‘आठ साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ अभियान के जरिए भाजपा अलग-अलग वर्गों के वोट बैंक को भी साधेगी। साथ ही यह बताएगी कि मोदी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में जता दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति वाली सरकार अपने फैसलों से कैसे राजनीति की दशा-दिशा बदल सकती है। इसके लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है।
बहरहाल, भाजपा में संगठन मंत्री का दौरा नियमित रूप से होता रहता है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री साल में कम से कम एक बार गैर चुनावी राज्यों का दौरा करते हैं। इस दौरे में संगठन में जो दिक्क्त होती है, उसे ठीक किया जाता है। इसके अलावा यह जानकारी मिली है कि हाल के महीनों में बिहार भाजपा में जिस तरह से मनमाने निर्णय लिए जा रहे हैं, उससे कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना उत्पन्न हुई है। साथ ही संगठन के सहारे बीजेपी (BJP) जदयू और राजद को घेरने की योजना बना रही है, उसे भी मूर्त रूप देने के लिए संतोष का दौरा अहम माना जा रहा है।