नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए आज बुधवार को संसद में पीएम मोदी ने ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है। लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान करते हुए पीएम ने कहा कि इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। इसके साथ ही अयोध्या में सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की बात कही गई है।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र होगा ट्रस्ट का नाम
सरकार के इस ऐलान के बाद अब 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन और 2.5 एकड़ विवादित जमीन दोनों ही राम मंदिर ट्रस्ट के पास होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबधित फैसलों को लेगा।
लोकसभा में प्रधानमंत्री ने दिया बयान
आज लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि—यह विषय श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है। अयोध्या में श्री राम जन्मस्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण होना है। 9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए पंजाब में था, उसी दिव्य वातावरण में मुझे सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले पर दिए गए फैसले के बारे में पता लगा। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम जन्मभूमि के विवादित स्थल के भीतरी और बाहरी आंगन पर राम जन्मभूमि का ही स्वामित्व है।
पीएम ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करें। इसपर राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया गया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है। अब अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण ट्रस्ट के माध्यम से करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।