विधानसभा में अनुकंपा बहाली नियम में बदलाव, शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता समाप्त

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पटना: बिहार विधानसभा में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के मामले में आज एक बड़ा बदलाव किया गया है। विधानसभा सचिवालय ने नये विधानसभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी के निर्देश पर सेवाकाल में मृत महादलित सरकारी सेवकों के आश्रितों को अनुकंपा पर बहाली के मामले में उनके लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। पहले ऐसे सेवकों के आश्रितों की बहाली के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अष्टम वर्ग उत्तीर्ण होने की थी। लेकिन अब इस बाध्यता को हटा दिया गया है।

इस संबंध में बिहार विधानसभा के उपनिदेशक संजय कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अब सिर्फ साक्षर होना आवश्यक होगा। साक्षर से अभिप्राय यह है कि जिन्हें पढ़ने-लिखने का ज्ञान हो । इसके साथ ही एक शर्त यह भी लगाई गई है कि अगर आश्रित साक्षर नहीं होगा तो उसे सेवा अवधि के दो वर्ष के अंदर साक्षरता प्राप्त कर लेनी होगी ।

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यह निर्णय राज्य महादलित आयोग की अनुशंसा के आलोक में लिया गया है। इस संबंध में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पिछले माह निर्गत पत्र को सभा सचिवालय में लागू करने का आदेश बिहार विधान सभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी ने देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह आदेश दबे-कुचले लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगा।

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