अश्विनी चौबे ने पटना में रखा मौन व्रत, नीतीश की ‘यात्रा’ को तगड़ा जवाब

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पटना : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे आज गुरुवार को पटना में गांधी मैदान जेपी प्रतिमा के नीचे बक्सर में किसानों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज और रामचरित मानस ग्रंथ के अपमान के विरोध में मौन व्रत व उपवास पर बैठे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार सरकार कुछ भी सुनना नहीं चाह रही। किसानों और नौजवानों पर जोर—जबरदस्ती व हिंसा करवा रही। मुख्यमंत्री कुछ भी समाधान नहीं चाहते हैं। समाधान की मंशा रहती तो, बक्सर दौरे के दौरान बनारपुर के किसानों से मिलते, उनका दुख दर्द सुनते। लेकिन कुछ नहीं हुआ। उनके शासन में उन्हीं के मंत्री द्वारा रामचरित मानस का बिहार में अपमान किया गया। लेकिन नीतीश सरकार ने इस सब पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसी के खिलाफ वे जनता की तरफ से मौन प्रदर्शन के जरिये विरोध कर रहे हैं।

24 को दरभंगा में मौन व्रत, नीतीश किसान व नौजवान विरोधी :  चौबे

पटना में श्री चौबे ने कहा कि मौन में बहुत ताकत होता है। अपने इस संघर्ष की अगली कड़ी में वे 24 जनवरी को दरभंगा में मौन व्रत रखेंगे। अब वे जहां-जहां समाधान यात्रा पर सीएम गए हैं, वहां-वहां जाकर मौन व्रत रखेंगे। नीतीश समाधान यात्रा पर बक्सर गए, लेकिन किसानों से नहीं मिले। व्यवधान उत्पन्न करना ही नीतीश का काम रह गया है। उनकी सरकार किसानों पर दमनकारी नीति पर चल रही है। ऐसे में बढ़ते अपराध, चौसा कांड पर सरकार की चुप्पी, खाद यूरिया की कालाबाजारी, नौजवानों पर लाठीचार्ज और रामचरित मानस के अपमान आदि पर वे सरकार के खिलाफ अभियान चलायेंगे। परशुराम चतुर्वेदी की कुर्बानी बर्बाद नहीं जाएगी। बिहार सरकार को जनता के सहयोग से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जेपी प्रतिमा के सामने मौन व्रत व उपवास रखकर आज मैंने इसकी शुरुआत कर दी है।

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जेपी के सिद्धांतों को दे दी तिलांजलि, किसानों पर ढा रहे जुल्म

श्री चौबे ने कहा कि नीतीश कुमार जेपी सेनानी हैं लेकिन वे उनके ही सिद्धांतों को भूल गए। आज वे बिहार में केंद्रीय योजनाओं को लटका रहे हैं। नीतीश कुमार समस्या कुमार बनते जा रहे हैं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री चौबे ने पटना स्थित जेपी मूर्ति स्थल पर रामचरित मानस ग्रंथ की पूजा भी की। बता दें कि बक्सर के चौसा में कुछ दिन पहले पुलिस ने जमीन के बदले मुआवजा मांग रहे किसानों पर जमकर लाठीचार्ज किया। इसी के बाद किसान भड़के हुए हैं।

भाजपा अध्यक्ष जायसवाल, रविशंकर समेत कई नेता पहुंचे

श्री चौबे के मौन व्रत के समर्थन में बिहार प्रदेश के सभी नेता और पदाधिकारी भी जेपी प्रतिमा स्थल पर पहुँचे। धरना को संबोधित करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है। किसानों व नौजवानों के साथ धोखा हो रहा है। केंद्रीय योजनाओं को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। बक्सर में जब किसानों ने हक मांगा, तब उन्हें लाठियां मिली। श्री रामचरित मानस का अपमान हुआ। आखिर बिहार सरकार क्यों नहीं किसानों को मुआवजा दे रही है। इसका जवाब देना होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार पर संगत का असर हो गया है। आखिर वे लाठियां क्यों चलवा रहे हैं। जेपी आंदोलन में नीतीश कुमार भी शामिल थे। हमने लाठियां खाई है। नीतीश कुमार ने जेपी के सिद्धांतों को छोड़ दिया है। किसानों के हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा व संजय पासवान ने भरी हुंकार

विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि राजद-जदयू-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार बिहार में अराजकता फैला रही है। बक्सर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार सरकार को न्याय देना होगा। प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि सोची समझी योजना के तहत आज हमारी संस्कृति पर हमला बोला जा रहा है। किसानों व नौजवानों को पीटा जा रहा है। अपराध चरम पर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधान परिषद डा. संजय पासवान ने कहा कि श्रीरामचरितमानस का अपमान श्रीराम व माता सीता का अपमान है। किसी भी सूरत में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रिक्श चालक चन्देश्वर पासवान ने तुड़वाया उपवास

बाद में शाम को केंद्रीय मंत्री श्री चौबे का उपवास रिक्शा चालक चन्देश्वर पासवान ने नारियल पानी पिलाकर तुड़वाया। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने साबित रोहतासी को श्री रामचरित मानस पुस्तक भेंट की। धरना में बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष सरोज, सुशील चौधरी मीडिया प्रभारी राजू झा अशोक भट्ट, बीजेपी उद्योग मंच के सह संयोजक मनीष तिवारी, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा मनीष कुमार, सहित भारतीय जनता पार्टी के बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे बक्सर से भी बड़ी संख्या में किसानों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। बक्सर से मुख्य रूप से रामकुमार सिंह,राजवंश सिंह, सतेंद्र कुंवर, राणा प्रताप सिंह, कतवारू सिंह, मृत्युंजय सिंह, नवीन राय, शेषनाथ पाठक, पूनम रविदास, सुनील राम, विनोद राय, इंदु देवी, रासबिहारी दुबे, अमरेंद्र पांडेय, कौशल विद्यार्थी, श्रीमन्नारायण, धनंजय राय, विमल सिंह, निर्भय राय, मुन्ना सिंह, अमर गोंद, जयप्रकाश चौबे, नंदजी सिंह, राहुल आंनद, विकेश पांडेय, संजय पासवान, दिलीप मिश्रा, भरत प्रधान, अजय तिवारी, नितिन मुकेश, राहुल दुबे, हिमांशु शेखर मिश्रा, आदि उपस्थित थे।

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