केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया नेत्रदान, कहा : दूर हुई भ्रांतियां
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि अंग दान जीवन दान है। एक अंगदाता 8 जीवन बचा सकता है। यह दिव्य महान एवं पवित्र कार्य है। शास्त्रों एवं पुराणों की बात करें तो इसकी महिमा सनातन काल से चली आ रही। मौजूदा समय में इसे लेकर जो भ्रांतियां हैं। वह भी काफी हद तक दूर हुई है।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे सोमवार को नई दिल्ली स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के सभाकक्ष में नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी नोटो द्वारा मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की रजत जयंती समारोह के अवसर पर उपस्थित लोगों को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि “मैंने खुद नेत्रदान का संकल्प लिया है। दूसरों को जीवनदान देने के लिए हमें आगे आने की आवश्यकता है। इसके प्रति हमें संवेदनशील होना पड़ेगा। नोटो संस्था द्वारा इस ओर सकारात्मक रूप से कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इससे कई जिंदगियों को फिर से जीवनदान मिला है। हमें अपने सामाजिक कर्तव्यों के प्रति भी संवेदनशील रहना पड़ेगा”।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे ने पुराणों और शास्त्रों का जिक्र करते हुए कहा कि “महर्षि दधीचि ने समाज कल्याण के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दी थी। ऐसे कई उदाहरण है जिन्होंने अपने त्याग से दूसरों को जीवन दान दिया। यह शरीर बहुत ही अनमोल है, जीते जी इसे हम बहुत ही संवेदनशीलता से देखभाल करते हैं। एक दिन इसे पंचतत्व में विलीन हो जाना पड़ता है। उससे पहले यह दूसरों के लिए जीवनदान बन सके इस तरह के प्रयास करने कि हम सभी को जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई जिंदगी का सृजन हार अंगदान है। इसे लेकर जो बयान दिया है। उसे हम सभी को दूर करना है, ताकि अधिक संख्या में लोग अंगदान को प्रेरित हो सकें। कार्यक्रम शुभारंभ से पहले नोटो की डायरेक्टर डॉक्टर बसंती रमेश ने मुख्य अतिथि को पौधे देकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज डॉ एस वेंकटेश ने भी अपने विचार रखे। विशेषज्ञों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अंगदान के महत्व से अवगत कराया। साथ ही नोटो के अभी तक के सफर के बारे में जानकारी दी गई।