बक्सर से शुरू हुई थी भगवान श्री राम की अभ्युदय यात्रा : अश्विनी चौबे

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-आईआईटी बिहार के निदेशक ने कहा रामायण प्रामाणिक ग्रंथ

बक्सर : केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भगवान श्री राम की अभ्युदय यात्रा सिद्धाश्रम बक्सर से शुरू हुई थी। आजादी के अमृत काल में सिद्धाश्रम बक्सर का गौरव पुनः स्थापित होगा। सिद्धाश्रम बक्सर समर्थ भारत निर्माण के संकल्प को पूर्ण करने का केंद्र बनेगा।

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श्री चौबे प्रज्ञा प्रवाह की प्रांतीय इकाई चिति, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और श्री राम कर्म भूमि न्यास के संयुक्त तत्वावधान में श्री राम प्रज्ञा यज्ञ नाम से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बक्सर और यहां के राम दोनों खास हैं। इसी पुण्य भूमि पर राम राज्य का विचार ऋषियों के सानिध्य में प्रस्तुत हुआ था। हमारा लक्ष्य है, बक्सर में पराक्रमी राम की प्रतिमा लगे। यह कार्य चल रहा है।

बक्सर स्थित एलबीटी कॉलेज परिसर में रामायण में परिवार की संकल्पना व नारी चेतना विषय पर आयोजित सगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आईआईटी पटना के निदेशक टीएन सिंह ने कहा कि रामायण एक प्रामाणिक ग्रंथ है। वह विज्ञान के लिए एक दस्तावेज की तरह है। जो यह संदेश देता है। जीवन में समाज और प्रकृति दोनों का संरक्षण संवर्द्धन जरूरी है। तभी यह धरा सुरक्षित रहेगी। आज तकनीक ताकत बनती जा रही है। और समाज के लिए खतरा भी।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे चित्ति के प्रांत संयोजक केके ओझा ने कहा कि पिछले वर्ष भी नवंबर में श्री राम प्रज्ञा यज्ञ नाम से अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था उसके द्वितीय उपक्रम के तौर पर यह आयोजन हो रहा है। आज का कार्यक्रम दो सत्र में है। आगे यह और व्यापक होगा। हालांकि गोष्ठी दो सत्रों में चली। जिसमें रामायण में परिवार की संकल्पना और नारी चेतना। इन दोनों विषय पर वक्ताओं ने बहुत ही तथ्यात्मक संदर्भों की चर्चा की। मुख्य वक्ताओं में प्रो: किस्मत सिंह उपाध्यक्ष प्रज्ञा प्रवाह, प्रो गुरुचरण सिंह, प्रो: आभा सिंह प्राचार्य जगजीवन कॉलेज आरा सहित कई विद्वानों एवम शोध अधेताओ ने आलेख प्रस्तुत किए।

इस दौरान स्वागत भाषण एलबीटी कॉलेज की प्राचार्य निभा कुमारी, अध्यक्षता प्रो लक्ष्मीनारायण व धन्यवाद ज्ञापन दीनबंधु कुमार ने किया। चिति के संयोजक संयोजक दीनबंधु, सहसंयोजक डॉक्टर गजेंद्र सिंह, चींटी के प्रांतीय कार्य समिति सदस्य डॉक्टर नीरज त्रिवेदी, चिति के शोध आयाम क्षेत्र प्रमुख अमित मिश्रा, श्री राम कर्मभूमि न्यास शोध आयाम संयोजक अविनाश उपाध्याय ने तकनीकी सत्र में सहभागी विद्वानों का स्वागत किया।

छात्रों ने प्रस्तुत किया राम रक्षा स्त्रोत का का पाठ

कार्यक्रम का केन्द्र राम थे और उनसे जुड़ा रामायण। और सबके केन्द्र में था बक्सर। इस मौके को खास बनाने के लिए 15 युवाओं ने सभा कक्ष में राम रक्षास़्तोत्र का पाठ किया। जिसे सुनकर यह लगा, संस्कृति के संवर्द्धन के लिए राम उर्जा के स्त्रोत हैं। जिसकी सभी आगत लोगों ने प्रशंसा की। इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में अमित ओझा, डॉ गजेन्द्र सिंह, शिवम भारद्वाज, परशुराम पांडेय, उमाकांत, नीरज कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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