आरा कोर्ट बम ब्लास्ट में लंबू शर्मा को फांसी की सजा, 7 को उम्रकैद

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आरा/भोजपुर : बहुचर्चित आरा कोर्ट बम ब्लास्ट मामले में आज मंगलवार को एडीजे की अदालत ने कुख्यात लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई। इस मामले में कोर्ट ने अखिलेश उपाध्याय, चांद मियां व उसके भाई नईम मियां सहित 7 अन्य आरोपितों को उम्रकैद की सजा दे दी।

इस बहुचर्चित केस में हाल ही में आरा के तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने पूर्व विधायक सुनील पांडेय को बरी कर दिया था तथा उपयुक्त आरोपितों को दोषी ठहराया था। आज अदालत ने सभी दोषियों को सजा सुना दिया। सरकारी वकील ने बताया कि मुख्य आरोपित लंबू शर्मा को हत्या, हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा, सजायाफ्ता होने के बाद भी उसी तरह के गंभीर अपराध करने में दोषी पाया। उस आधार पर कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनायी है। आज सभी अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था।

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कैसे दिया था घटना को अंजाम

Image result for आरा कोर्ट बम ब्लास्ट में लंबू शर्मा को फांसी की सजामालूम हो कि 23 जनवरी 2015 को आरा सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट हुआ था। उसमें बम लेकर वहां आई यूपी की महिला नगीना देवी तथा कोर्ट हाजत की सुरक्षा में तैनात सिपाही अमित कुमार की मौत हो गई थी। धमाके के बीच पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय भाग निकले थे। इस मामले में पीरो के रहने वाले कुख्यात लंबू शर्मा व नोनार गांव के अखिलेश उपाध्याय सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के क्रम में चांद मियां, नईम मिया व प्रमोद सिंह सहित अन्य के नाम आये थे। बाद में जांच यूपी के डॉन ब्रजेश सिंह, यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और पीरो के पूर्व विधायक सुनील पांडेय तक भी पहुंची थी।

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