नवादा : पर्यावरण की चिंता वास्तव में सबको इस तरह हो की अपनी मेहनत मजदूरी से ही एक-एक रूपया काटकर परोपकार का कार्य करना किसी की जिंदगी बचाने से कम नहीं।
राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान तथा चौकीदार किसुन पासवान दोनों मिलकर 21 पेड़ लगाएं हैं।
पासवान ने बताया कि बहुत ही अफसोस हो रहा था जब पानी की किल्लत झेल रहे थे उस समय पर्यावरण की चर्चा चारो तरफ हो रही थी सबको लग रहा था कि काश पेड़ को अगर बचाया जाता तो इतनी मुश्किल नहीं होती। लेकिन जैसे ही प्राकृतिक ने वर्षा शुरू की लोग भूल गए की पेड़ भी लगाना है।
पासवान ने कहा कि यह मात्र कविता जैसा लगता है कि पेड़ लगाओ जीवन बचाओ लेकिन कभी सीरियस कोशिश नहीं करते। चौकीदार किसुन पासवान ने कहा कि यथासंभव जहाँ तक हो कम से कम जितनी जगह है उतनी जगह में पेड़ लगाया जाए तो कुछ हद तक पर्यावरण को संतुलित रखने में ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ा सहयोग तो कर ही सकते हैं। पासवान ने कहा कि जिसे जहां मौका मिले एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए।
धर्मदेव पासवान ने कहा कि कभी जीवन मे पेड़ लगाया नहीं था। लेकिन आज जो अनुभव हुआ है उससे जितनी खुशी मिली है कि बता नहीं सकते। अपने आप मे गर्व हो रहा है। उन्होंने कहा कि सच में पेड़ से अपने बच्चों जैसा प्यार हो जाता है और उसकी एक टहनी भी कोई तोड़ दे या टूट जाये तो बहुत पीड़ा होती है, यह आज एहसास हो गया।