पटना : जेल में बंद पूर्व सांसद आनन्द मोहन की रिहाई के लिए राज्य सरकार कर सकती है कोशिश। हालांकि इसकी एक लम्बी कानूनी प्रक्रिया है। बावजूद राज्य सरकार के विशेषाधिकारों संबंधी नियमों की जानकारी लेकर सरकार पहल कर सकती है।
इस आशय का संकेत आज यहां आयोजित महाराणा प्रताप स्मृति समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए। उन्होंने कहा कि पुराने साथियों की मदद-सहयोग करना है। सरकार अपने स्तर से हर मदद करेगी।
महाराणा प्रताप जयंती में दिया संकेत
बगैर नाम लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का अपना दायरा है और सरकार का भी। कानूनी प्रक्रिया में बिना दखल दिये सरलता पूर्वक जो हो सकेगा वह किया जाएगा।
बता दें कि दही-चूड़ा भोज के दौरान जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के यहां भोज में लवली आनंद ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। उस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में खासी चर्चा रही थी। लेकिन, छन कर बात आयी कि मुलाकात का अर्थ आनंद मोहन की रिहाई से है। अभी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पूरे देश भर में आंदोलन भी चल रहा है।
विशेषधिकार के तहत पहल संभव
कभी बिहार पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष रहे आनंद मोहन ने नीतीश कुमार की समता पार्टी के साथ मिल कर चुनाव भी लड़ा था। बिपीपा का प्रदर्शन बेहतर था। संघर्ष के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कानून के क्षेत्र में सीमाएं रहतीं हैं। बावजूद, वे कोशिश करेंगे। बाद के दिनों में आनंद मोहन का नाम मुजपफरपुर में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या में आया। उसी में अभी वे सजा भुगत रहे हैं।