राज्यसभा चुनाव का एलान, 10 जून को होगा मतदान, क्या वापस होगें ये दिग्गज
पटना : बिहार से राज्यसभा की खाली हो रहीं पांच सीटों के लिए सभा की तरफ से चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। राज्यसभा ने देश के कुल 57 सीटों पर चुनाव के लिए तारीख की घोषणा की है। चुनाव आयोग के तरफ से जारी शेड्यूल के अनुसार इसको लेकर 24 मई को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके साथ ही इसको लेकर 31 मई तक नामांकन होगा। जबकि 1 जून को स्क्रूटनी और 3 जून तक नाम वापसी किया जा सकेगा। वहीं, मतदान को लेकर भी तारीख निर्धारित कर दी गई है। 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी।
वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही इसको लेकर सियासत तेज हो रही है। जानकारी हो कि खाली हो रही पांच सीटों में जनता दल यूनाइटेड के तरफ से दो सीट है। इसमें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह के साथ जेडीयू के राज्यसभा सासंद किंग महेंद्र, जिनका हाल ही में निधन हुआ का नाम शामिल है।
राष्ट्रीय जनता दल के तरफ से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती …
जबकि, राष्ट्रीय जनता दल के तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती का नाम शामिल है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के तरफ से गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे का नाम शामिल है। गौरतलब हो कि, इन सीटों के लिए रिटायर हो रहे नेता दोबारा लाइन में लगे दिख रहे हैं तो वहीं, नए चेहरे भी कतार में लगेंगे, यह लगभग तय माना जा रहा है।
इधर, बात करें जेडीयू की दो सीटों की तो किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई सीट पर अभी दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है। इस सीट को लेकर यह कहा जा रहा है इसको लेकर पार्टी के अंदर केसी त्यागी के नाम पर चर्चा हो रही है। वहीं,आरसीपी सिंह को लेकर जदयू कोई जोखिम उठाती नहीं दिख रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि जदयू उन्हें तीसरी बार राज्यसभा भेज सकती है।
जबकि, राजद कोटे से खाली हुई सीट पर मीसा भारती ही वापस राज्यसभा सदस्य बनाकर दिल्ली जा सकती है। क्योंकि, ऐसा बताया जाता है कि लालू प्रसाद यादव व राबड़ी देवी के बाद लालू परिवार से राजद की सक्रिय राजनीति में तेजस्वी यादव के बाद मीसा भारती ही हैं।
इसके अलावा भाजपा की दो सीटें भी खाली हो रही हैं। दोनों सवर्ण जाति की सीटें हैं। इनमें एक गोपाल नारायण सिंह क्षत्रिय तो दूसरे सतीश चंद्र दुबे ब्राह्मण हैं। भाजपा में राज्यसभा सीटों का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।