एएन कॉलेज के राष्ट्रीय वेबिनार में बोले निखिल कुमार— संसाधनों के उपयोग में बरतें सावधानी

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Former Governor Nikhil Kumar addressing the webinar

पटना : एएन कॉलेज पटना के आइक्यूएसी तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सहयोग से “तकनीक तथा सतत विकास: कोविड के दौरान आगे का मार्ग” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का शुभारंभ बुधवार को किया गया। अगले 2 दिनों तक ऑनलाइन चलने वाले इस राष्ट्रीय वेबिनार में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक तथा शोधार्थी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।

Participants in the webinar of AN College

राष्ट्रीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केरल तथा नागालैंड के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने महाविद्यालय को इस प्रासंगिक विषय पर वेबिनार आयोजन करने हेतु बधाई दी। अपने संबोधन में पूर्व राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करनी चाहिए ताकि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े। उन्होंने कहा की ब्रण्डटलैंड रिपोर्ट—1987 के अनुसार सतत विकास का अर्थ है वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं से समझौता किए बिना पूरा करना। उपभोक्ता सीमित संसाधनों का उपयोग करते हैं और इस प्रकार सतत विकास में उपभोक्ताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। रीसाइक्लिंग, अपशिष्ट पदार्थों का न्यूनीकरण, तथा उत्पादन प्रक्रिया में बदलाव और संसाधनों के कुशल प्रयोग से सतत विकास की प्रक्रिया को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही हमें ऐसे समाज का निर्माण करना होगा जो अपने आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता के प्रति जागरूक हो। पूर्व राज्यपाल में 20वीं शताब्दी के बैंकिंग संकट, 1930 के वित्तिय संकट, पारिस्थितिक संकट जैसे भोपाल गैस त्रासदी तथा चेर्नोबील की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी तीव्र विकास की मंशा ने सीमित संसाधनों की शुद्धता और उपलब्धता को प्रभावित किया है। वर्तमान समय में सीमित संसाधनों को सावधानी पूर्वक उपयोग की आवश्यकता है। हम वैश्विक तापमान में वृद्धि, वायु प्रदूषण, जैव विविधता का ह्रास जैसे संकट से जूझ रहे है। उपलब्ध सीमित संसाधनों का ह्रास भविष्य में अन्य कई संकट का कारण बन सकता है। पर्यावरण संबंधी विषयों को विद्यालय तथा विश्वविद्यालयों के स्तर पर पाठ्यक्रम में सम्मिलित होना चाहिए ताकि युवा प्रदूषण के दुष्प्रभावों से अवगत हो सके। पूर्व राज्यपाल ने वर्तमान संकट के समय में सभी लोगों से अपील की हम सभी को सरकार के कार्यों में सहयोग करना चाहिए।

swatva
Chaitanya Prasad, IAS

बिहार के राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने अपने आधार व्याख्यान में सतत विकास को विस्तार से बताया। प्रधान सचिव ने कहा कि विकास की प्रक्रिया सतत तभी होती है जब समय के साथ लोगों का समावेशी कल्याण का ह्रास नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दौरान सतत विकास लक्ष्यों को अपनाने का फैसला लिया गया। विश्व के लगभग सभी देशों ने इस बैठक में अगले 15 साल के लिए 17 लक्ष्य तय किए, जिसमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, टिकाऊ उपभोग, नवाचार आदि नए विषय जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा की भूतकाल में विकास कार्यों के लिए किए गए प्रयोगों से वातावरण का नुकसान हुआ परंतु शीघ्र ही राष्ट्रों ने यह अनुभव किया की विकास की प्रक्रिया को सतत होना होगा। वर्तमान समय में तकनीक का प्रयोग सतत विकास की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मे मानव निरंतरता, सामाजिक निरंतरता, आर्थिक निरंतरता तथा पर्यावरण निरंतरता जैसे विभिन्न प्रासंगिक विषय हैं। वक्ता कहा की मानव संसाधन का विकास मानव निरंतरता का प्रमुख लक्ष्य है। वर्तमान में तकनीक के प्रयोग से मानव निरंतरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल रही है। वर्तमान समय में तकनीक के प्रयोग से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है। प्रधान सचिव ने क्लाउड कंप्यूटिंग, कोविड के दौरान रोबोटिक्स की मदद से रोगियों के उपचार, अपशिष्ट पदार्थों का बेहतर प्रवंधन जैसे कई उदाहरणों से यह बताया की तकनीक वातावरण और मानव निरंतरता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। प्रधान सचिव ने छात्रों से कहा कि वर्तमान समय का बेहतर प्रयोग वे अपनी कुशलता और ज्ञान बढाने हेतु करें।

उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव प्रो. कुमार रत्नम ने कहा कि इस वैश्विक संकट की घड़ी में पूरा विश्व भारत के ओर आशान्वित दृष्टि से भारतीय मूल्यों, संस्कारों, चरैवेति चरैवेति का सिद्धांत, भारतीय वर्णाश्रम व्यवस्था आदि मूल्यों जो भारत की संस्कृति है, उसमें हम कैसे सतत विकास की प्रक्रिया की ओर अग्रसर होंगे के प्रति उत्सुक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी के विकास से वर्तमान समय में कई लाभ मिल रहे हैं।

Prof. S.P. Shahi, Principal, AN College, Patna (file photo)

इसके पहले सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. एसपी शाही ने सभी को महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कोविड-19 के दौरान किए गए अकादमिक गतिविधियों तथा आइक्यूएसी के द्वारा आयोजित किए गए विभिन्न एफडीपी तथा एसडीपी , क्विज आदि से अवगत कराया। प्रधानाचार्य ने कहा कि महाविद्यालय के आइक्यूएसी के प्रयासों द्वारा इसरो के आईआईआरएस तथा कोर्सरा की सहभागिता से छात्रों के लिए विभिन्न निर्णय कोर्सेज शुरू करने वाली है। इसमें आईआईआरएस का कोर्स हाल ही में प्रारंभ कर दिया गया है। कार्यक्रम का संचालन वेबिनार की सचिव डॉ रत्ना अमृत के द्वारा किया गया। कार्यक्रम सचिव डॉ नूपुर बोस ने दो दिनों तक चलने वाले वेबिनार के बारे में विस्तार से बताया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के बरसर प्रो. अजय कुमार के द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ. अरुण कुमार, प्रो. कलानाथ मिश्र, प्रो. शैलेश कुमार, प्रो. तृप्ति गंगवार, प्रो. प्रीति सिन्हा समेत आयोजन समिति के सभी सदस्य, शिक्षक तथा सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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