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एएन कॉलेज में व्याख्यानमाला: आर्सेनिक को लेकर अमेरिकी संस्था के वैज्ञानिक ने चेताया

पटना : पेयजल में आर्सेनिक की उपस्थिति स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। चिंता की बात है कि दुनिया के 30 करोड़ लोग चाहे-अनचाहे आर्सेनिक कंज्यूम कर रहे हैं। इसमें 20 करोड़ से अधिक सिर्फ एशियाई देशों के लोग हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। उक्त बातें एएन कॉलेज के आईक्यूएसी के तत्वावधान में आयोजित व्याख्यानमाला शृंखला के अंतर्गत एएन कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र तथा वर्तमान में वर्चुसा कॉरपोरेशन, न्यूयॉर्क के सीनियर आर्किटेक्ट तथा डाटा साइंटिस्ट डॉ. सुशांत कुमार सिंह ने कहीं। शनिवार को वे एप्लीकेशन ऑफ मशीन लर्निंग इन एनवायरमेंटल मैनेजमेंट विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।

Arsenic effected areas in Bihar

व्याख्यान में सुशांत ने अपने केस स्टडी आर्सेनिक दूषितकरण के माध्यम से शोध में प्रयोग आने वाले विभिन्न टूल्स के विषय मे विस्तार से बताया। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि आर्सेनिक प्रदूषण विश्व के 300 मिलियन लोगों को प्रभावित कर रहा है, जिसमें एशिया के 72% लोग शामिल है। इससे विश्व के लगभग 100 से ज्यादा देश प्रभावित हैं। उन्होंने आर्सेनिक मॉडल की सटीकता और मजबूती का मूल्यांकन करने के लिए बड़े सैंपल के साथ मशीन लर्निंग मॉडल विकसित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। व्याख्यान के अंत में डॉक्टर सुशांत ने एएन कॉलेज के साथ कोलैबोरेशन की पेशकश की जिसमें आर्सेनिक रिसर्च स्कॉलरशिप के तहत एक स्नातकोत्तर विद्यार्थी के लिए छात्रवृत्ति, आर्सेनिक विषय संबंधित पुस्तकालय की स्थापना तथा कॉलेज के साथ रिसर्च कोलैबोरेशन शामिल है।

Data scientist Dr Sushant Singh

इसके पहले सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. एसपी शाही ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में वेबिनार के माध्यम छात्रों एवं शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चाएं आयोजित की जा रही है तथा आने वाले समय में विद्यार्थियों पर केंद्रित कई अन्य कार्यक्रम चलाने की योजना है। प्रधानाचार्य ने कहा की महाविद्यालय के छात्र देश विदेश के नामी-गिरामी संस्थानों में कार्यरत हैं। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि महाविद्यालय परिवार डॉ. सुशांत कुमार सिंह के कोलैबोरेशन प्रपोजल पर शीघ्र निर्णय लेकर अमल में लाएगा। इस कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी की ज्वाइंट कोऑर्डिनेटर डॉ. रत्ना अमृत ने किया। इस कार्यक्रम में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ अशोक घोष, प्रोफेसर अजय कुमार, डॉ. नूपुर बोस, डॉ तृप्ति गंगवार, डॉक्टर हंसा गौतम, डॉ सीमा प्रसाद समेत महाविद्यालय के कई शिक्षक एवं विद्यार्थी शामिल हुए।