अमृतसर में रावण दहन के आयोजक का क्या कनेक्शन है सिद्धू से? जानने के लिए पढ़ें

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पटना/नई दिल्ली : पंजाब के अमृतसर के निकट रावण दहन के दौरान हुए भयावह ट्रेन हादसे का भयावह सच सामने आया है। अबतक प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें बिहार के पांच लोगों समेत कुल 61 लोगों की मौत हो गई जबकि कुल 123 लोग घायल होकर ​अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इसबीच यह सामने आया है कि रावण दहन के आयोजकों का करीबी संबंध नवजोत सिद्धू परिवार से रहा है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी हादसे के समय वहां मौजूद थीं, लेकिन जैसे ही यह हादसा हुआ वे वहां से निकल गईं। जबकि वे एक डाक्टर हैं, तथा उस वक्त उन्हें लोगों की मदद करनी चाहिए थी। रावण दहन के इस कार्यक्रम का आयोजन सौरभ मदन ने किया था जो वार्ड काउंसलर विजय मदन का पति है।
काउंसलर विजय मदन को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी माना जाता है। कार्यक्रम में सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाई गई थीं।
चश्मदीदों के मुताबिक कांग्रेस नेता सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर हादसे के बाद भागकर सुरक्षित जगह पर पहुंच गईं।
हालांकि नवजोत कौर ने बाद में कहा कि वहां से निकलने के 15 मिनट बाद उन्हें हादसे के बारे में पता चला और वह घटनास्थल पर लौटने के लिए तैयार थीं। लेकिन कमिश्नर ने बताया कि वहां पथराव हो रहा है। इसीलिए वहां नहीं गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी। पटरी किनारे एक मैदान में रावण दहन में 300 लोग मौजूद थे। अधिकारियों के मुताबिक, रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे।
उधर पंजाब के सीएम ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा, ‘अभी मुझे नहीं पता है कि रेलवे स्टेशन के बगल में रावण का यह पुतला क्यों बनाया गया था। लेकिन प्रशासन इसे देखेगा, हम इसकी जांच करेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रूपये और घायलों के लिये 50 हजार रूपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
इसबीच रेलवे ड्राइवर ने कहा कि रावण जलने की वजह से आसपास काफी धुआं था, घटनास्थल पर रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए उसे कुछ दिखाई नहीं दिया।

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