सुशांत सिंह प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप करें अमित शाह- एडीएन बाजपेई
आचार्य अरुण दिवाकर नाथ बाजपेई
(राष्ट्रवादी चिंतक पूर्व कुलपति एवं कवि)
सुशांत सिंह प्रकरण को लेकर राष्ट्रवादी चिंतक पूर्व कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ बाजपेई ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत यद्यपि महाराष्ट्र के फिल्म उद्योग में कार्यरत थे और बिहार के रहने वाले थे, परंतु वह संपूर्ण भारतवर्ष के अत्यंत लोकप्रिय सिने कलाकार थे। उनकी हत्या अथवा आत्महत्या के बारे में सत्य जानने का अधिकार पूरे राष्ट्र को है।
उनका कहना है कि यह भी सच है इस प्रकरण की प्रमुख जांच का दायित्व महाराष्ट्र सरकार का ही होता है और उसे करना भी चाहिए। उसे अपनी निष्पक्षता का परिचय देते हुए दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। यदि महाराष्ट्र पुलिस प्रशासन पर सुशांत के घरवालों को विश्वास नहीं है तो बिहार पुलिस के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही तब तक आवश्यक नहीं होती जब तक महाराष्ट्र पुलिस से उसे अनुमति न मिले अथवा वह अपनी असमर्थता व्यक्त न करें अथवा महाराष्ट्र पुलिस बिहार पुलिस से अनुरोध न करें।
बिहार पुलिस बिहार शासन के निर्देश पर अपने पुलिस अधिकारियों को महाराष्ट्र भेजा परंतु महाराष्ट्र पुलिस ने उनका सहयोग नहीं किया। यह दोनों ही कार्यवाही भारतवर्ष के सहिष्णु समरस संघीय व्यवस्था पर चोट पहुंचा रही हैं। इस सिलसिले को यहीं पर विराम देते हुए केंद्र सरकार को, विशेष तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए और प्रकरण को राष्ट्रीय महत्त्व का प्रकरण मानकर अपने हस्तगत कर या तो राष्ट्र के विभिन्न प्रांतों के पुलिस अधिकारियों का एक SIT बनाकर जांच करवाएं जिसमें महाराष्ट्र और बिहार दोनों के ही पुलिस अधिकारी न हो, अथवा सीबीआई के द्वारा निष्पक्ष जांच करवाएं अथवा उच्चतम न्यायालय / उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर उसे जांच करवानी चाहिए।
एडीएन बाजपेई का कहना है कि उच्चतम न्यायालय भी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए स्वयं संज्ञान में लेकर इसकी राष्ट्रीय स्तर पर जांच करवा सकता है। जिस प्रकार से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल सुशांत के प्रकरण पर लगातार चर्चा कर रहे हैं यथाशीघ्र विराम लगना चाहिए और तभी लग सकता है जब विश्वसनीय केंद्रीय हस्तक्षेप हो।
भारतवर्ष की जनता आंदोलित है और सत्य जानने को उत्सुक है। केंद्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय जांच इसलिए भी आवश्यक है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, दो प्रांतों के मध्य परस्पर न तो जनता, न सरकार, न पुलिस प्रशासन किसी के मध्य टकराव हो। यदि समय रहते तत्काल ठोस कदम केंद्रीय स्तर पर नहीं उठाए जाते तो संघीय व्यवस्था को लेकर इसके दूरगामी बहुत अनुचित प्रभाव पड़ेंगे।
इसलिए मेरी केंद्रीय गृहमंत्री से अपील है कि तत्काल हस्तक्षेप करके सारे प्रकरण को शीघ्र अति शीघ्र विवेकपूर्ण निर्णय पर पहुंचाने का कष्ट करें। प्रजातंत्र में, के द्वारा चाइनीस सरकारों में, जनप्रतिनिधियों में, न्याय व्यवस्था में, पुलिस प्रशासन इत्यादि में जनता के पवित्र विश्वास को बनाए रखने के लिए यह कार्य करना आवश्यक हो है।