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अमित शाह को चुनौती देने वाले पीके से भाजपा एमएलसी ने पूछी हैसियत

इसी वर्ष बिहार में जदयू एनडीए की छत तले चुनाव में जाने वाला है, जबकि जिस डाल पर उनकी पार्टी वैठी है, उसी को काटने के लिए प्रशांत किशोर लगातार प्रहार कर रहे हैं। अपनी इसी करगुजारी के तहत प्रशांत किशोर ने बिहार में अपने सहयोगी दल भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर आगे बढ़ने की चुनौती दे डाली। प्रशांत किशोर के ट्वीट का जवाब देते हुए भाजपा एमएलसी सच्चिदानंद राय ने प्रशांत किशोर से उनकी हैसियत पूछी है।

राय ने कहा कि प्रशांत किशोर जी आपका अपनी पार्टी में क्या अस्तित्व है? वहां अपनी हैसियत बढाईये, उसके बाद सलाह दीजियेगा कि देश की सरकार को क्या करना चाहिए। सरकार का सरोकार आपकी चुनावी पोस्टरबाजी तक सीमित नहीं है। सरकार के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उसके हित में ही वह लगातार कठोर निर्णय ले रही है। ठोस कदम उठा रही है, जिसको उठाने का साहस 70 वर्षों में विभिन्न सरकारें नहीं कर पाई। आज जो निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ले रही है, उसके लिए उसे जनादेश देश की जनता ने दिया है।

जनादेश में मुहर लगने के बाद ही देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जन गण के मन की आवाज़ के अनुसार ही CAA लागू किया है। इसलिए आप जदयू में अपना पक्ष रखें, बाहर बयानबाजी कर दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जो स्नेह और विश्वास का सेतु है, उसे खंडित न करें। राष्ट्रहित के खिलाफ ऐसी ओछी बयानबाजी न करें।

प्रशांत किशोर ने दी थी अमित शाह को चुनौती

जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर आप नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध करने वालों की परवाह नहीं कर रहे हैं तो फिर क्यों नहीं आगे बढ़ते और इसे लागू करने की कोशिश करते हैं? पीके ने ट्वीट में लिखा कि नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता। अमित शाह जी, अगर आप नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते? आप सीएए और एनआरसी को उसी क्रोनोलॉजी में लागू करने का प्रयास करें, जो आपने राष्ट्र के लिए इतनी बड़ी घोषणा की है! पीके के इस बयान से सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ।