भीषण बिजली संकट के बीच 650 से अधिक ट्रेनें कैंसिल, दौड़ेंगी कोयला लदी मालगाड़ियां
नयी दिल्ली : भीषण गर्मी के कारण देश के कई राज्यों में बिजली का भीषण संकट खड़ा हो गया है। गर्मी बढ़ने के साथ बिजली खपत में बड़ी वृद्धि हुई जिससे समूचे देश के पावर प्लांट में कोयले की कमी पैदा हो गई। दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाले दादरी प्लांट में तो केवल 24 घंटे का कोयला शेष बचा है। चूंकि देश में कुल खपत की 70 फीसदी बिजली कोयले से ही बनती है इसलिए इन पावर प्लांट में कोयले की नार्मल ढुलाई भी नाकाफी साबित हो रही। इसे देखते हुए रेलवे ने करीब देशभर में विभिन्न रूट पर चलने वाली 650 से अधिक यात्री ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। अब इनकी जगह इन रूटों पर 400 सौ से अधिक कोयला लदी मालगाड़ियों को चलाना शुरू किया गया है ताकि संयंत्रों तक कोयला पहुंचाया जा सके।
बिजली संयंत्रों तक कोयला सप्लाई की चुनौती
रेलवे ने अगले मई माह की 24 तारीख तक देशभर में कुल 670 यात्री रेलगाड़ियों को कैंसिल करने का निर्णय किया है। इनमें आसनसोल—पटना और आसनसोल—धनबाद तथा रांची रूट की भी ट्रेनें शामिल हैं। कोयला लदी मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए रेलवे को ऐसा करना पड़ रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा दक्षिण भारत की भी ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों में 500 से अधिक लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। जानकारी के अनुसार आज 29 अप्रैल शुक्रवार को ही देशभर में 42 यात्री ट्रेनों को कैंसल किया गया है। इनमें 34 ट्रेनें दक्षिण—पूर्व मध्य रेलवे की हैं। जबकि 8 ट्रेनें उत्तर रलेवे जोन की हैं। देश में बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने रेल मंत्री से कोयला आपूर्ति सुगम रखने के लिए योजना पर बात की जिसके बाद रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनें रोक मालगाड़ियों से कोयले की ढुलाई का आपात प्लान बनाया और इसपर अमल भी शुरू कर दिया गया।।
दोगुनी हुई संयंत्रों में कोयले की डिमांड
रेलवे ने बताया कि बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति बनाए रखने के लिए अगले दो महीने तक यह व्यवस्था जारी रखनी होगी। रेलवे के समक्ष कोयला ढुलाई की चुनौती अचानक नहीं पैदा हुई है। वर्ष 20017 में रेलवे रोजाना कोयले की ढुलाई के लिए 269 मालगाड़ियां चला रहा था। गर्मी का पारा 2018 और 2019 में बढ़ता गया। इस कारण कोयले की औसत ढुलाई भी पहले 300 फिर 350 मालगाड़ियों तक जा पहुंची। अब इस वर्ष 2022 में ढुलाई की यह डिमांड 415 मालगाड़ियों तक पहुंच गई है।