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उद्धव सरकार में सबकुछ ठीक नहीं, भाजपा मारेगी मौका पर चौका!

महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने को लेकर वहां की सियासत काफी गरमाई हुई है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नाम बदलने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम ने कहा कि अगर ऐसा होगा तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी।

संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा कि औरंगजेब का व्यक्तित्व विवादास्पद रहा है। उसके हर पक्ष से कॉंग्रेस सहमत हो जरूरी नहीं। संभाजी महान योद्धा थे। उनका आत्मोत्सर्ग वंदनीय है, इस पर कोई मतभेद नहीं। लेकिन, सरकार चलाते समय शिवसेना महापुरुषों को बीच में लाएगी तो यकीनन गच्चा खा जाएगी। खुद तय कर ले।

उन्होंने आगे कहा है कि औरंगाबाद का नामांतरण शिवसेना का अपनी पुराना एजेंडा है। लेकिन, सरकार तीन पार्टियों की है, यह नहीं भूलना चाहिए। गठबंधन की सरकारें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से चलती हैं, किसी के पर्सनल एजेंडे से नहीं। प्रोग्राम काम करने के लिए बना है, नाम बदलने के लिए नहीं।

महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बीच चल रहे उठापठक को भाजपा अपने लिए एक मौके रूप में देख रही है। वैसे कहने के लिए भाजपा इस काम को लेकर विपक्ष में होने के नाते विरोध व तंज ही कर रही है। लेकिन, अंदर-अंदर बड़ी सियासी खिचड़ी पक रही है।

केंद्रीय नेतृत्व के ‘हाँ’ का इन्तजार

दरअसल, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच बात हुई है। ठाकरे से बात करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर बातचीत की है। साथ ही उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मसले को लेकर संपर्क किया है।

आदित्य ठाकरे बन सकते हैं डिप्टी

सूत्रों की मानें तो अगले एक महीने में अगर कांग्रेस अपना रवैया नहीं बदलती है तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। संभव हो कि एक माह बाद देवेंद्र फडणवीस शिवसेना के सहयोग से एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम बन सकते हैं। वहीं, आदित्य ठाकरे डिप्टी की जिम्मेदारी संभल सकते हैं। तथा उद्धव ठाकरे केंद्र की राजनीति में आ सकते हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में भाजपा व शिवसेना को करीब लाने में बिहार के एक बड़े व्यापारी की अहम् भूमिका है। उन्होंने ही देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे को हाल के दिनों में एक-दूसरे के करीब लाया है।