अणे मार्ग के पास भी मिल जाएगा शराब, फोन करके तो देखिए

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पटना : बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब तस्कर खुलेआम शराब की तस्करी कर रहे हैं। पिछ्ले कुछ दिनों की बात करें तो बिहार के तमाम जिलों में शराब पकड़ी जा रही है। वहीं शराबबंदी को लेकर पटना बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह बड़ा बयान दिया है।

बिस्कोमान अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सुशासन की सरकार में शराबबंदी कानून की हकीकत यह है कि आपको दारू दिखेगा कहीं नहीं लेकिन अगर आपको शराब पीने का मन हो तो आपके घर के सामने पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कॉल सेंटर भी खुला हुआ है।साथ ही उन्होंने कहा कि यदि आप चाहते हैं कि आपको एक अणे मार्ग में शराब मिले तो वहां से शराब डिलीवर कर दिया जाएगा।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि आपको लगता है कि मेरी बातें झूठ है और मैं हवाबाजी कर रहा हूं तो आप कभी एक अने मार्ग में जहां राजेंद्र प्रसाद की मूर्ति है वहां आप आइए मैं सबके सामने इस बात की पुष्टि कर दूंगा।

राजाराम मोहन राय बनने की सोच

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों कि सोच यह है कि शराबबंदी के कारण आने वाली पीढ़ी मुझे भी राजाराम मोहन राय की तरह जानेगी। लेकिन इससे राजस्व का ह्रास हुआ है साथ ही जीतने भी पढ़ने लिखने वाले लड़के थे अब वह शराब बेचने लगे हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ने लिखने वाले लड़के अपने झोले में बॉर्डर के पास जाकर शराब लाते हैं इसके लिए एक निश्चित रकम भी निर्धारित की गई है।

राज्य के मुखिया को भी इस बात की जानकारी

उन्होंने कहा कि इस सारी बातों कि जानकारी प्रशासन, जिला पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, के साथ ही साथ राज्य के मुखिया भी इस बात की जानकारी रखते हैं। बस कुछ लोगों कि ज़िद है कि उनको शराबबंदी करना है। हालांकि यह गलत चीज नहीं है लेकिन सही तरीके से लागू हो तभी सफल है।

उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून लागू करने का तरीका ही गलत है इसको लागू करने से पहले आगामी पीढ़ी को यह बताना चाहिए था कि शराब पीने से क्या नुकसान है साथ ही साथ इसका व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करवाना चाहिए था तब लागू होता है यह निश्चित रूप से सफल होता।

आम लोगों का फोन क्या उठाएंगे

उन्होंने कहा कि राज्य के मुखिया यह बोलते हैं कि यदि आपको यह जानकारी हो कि शराब कहां मिल रहा है तो उसकी जानकारी नजदीकी थाना में दें लेकिन हकीकत यह है कि थाना के दरोगा सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक का फोन तो उठाते ही नहीं है तो आम लोगों का फोन क्या उठाएंगे। यह बात झूठ है तो मुख्यमंत्री महोदय किसी अनजाने नंबर से फोन कर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं। किसी भी जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक फोन तक रिसीव करना उचित नहीं समझते हैं। मुख्यमंत्री चाहे तो यह करके देख अगर किसी अनजान नंबर से उनका फोन उठा लिया जाता है तो मैं तुरंत का तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।

मालूम हो कि इससे पहले बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने भी कहा है कि शराबबंदी अच्छी पहल है। लेकिन, प्रदेश में यह सफल होता नहीं दिख रहा है।

बहरहाल , देखना यह है कि नीतीश कुमार लगातार शराबबंदी कानून को लेकर उठे सवाल का जवाब किस प्रकार देते हैं क्या उनके द्वारा वापस शराबबंदी कानून के लिए कठोर निर्णय लिया जाता है या फिर शराबबंदी कानून को वापस कर लिया जाता है।

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