पटना : बिहार विनियोग विधेयक (संख्या 2) पर विधान सभा में जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की जनता तुलना कर तय करेगी कि 2005 के पहले के 15 साल और उसके बाद के 15 साल के कार्यकाल में किस सरकार ने बेहतर कार्य किया है। पहले के 15 साल वाली सरकार ने बिहार को शमशान बना कर छोड़ दिया था, जिसका नतीजा हुआ कि 2005 में जब जदयू-भाजपा गठबंधन की नई सरकार आई तो उसे हर कार्य ‘प्रारंभ से प्रारंभ’ करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि भ्रम फैलाया जा रहा है, मगर तय है कि अगला 2020 का विधान सभा चुनाव गठबंधन के तहत नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा। लोकसभा की एक सीट पर सिमट जाने वाले महागठबंधन की डूबती नांव पर भला कौन सवारी करना चाहेगा? सरकार की जितनी भी लोक कल्याणकारी योजनाएं हैं उन सबको यह सरकार पूरा करेगी।
विधान मंडल के मौजूदा सत्र से नेता प्रतिपक्ष के अनुपस्थित रहने पर तंज कसते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज 17 वें दिन भी वे सदन में नहीं आए। क्या कारण है, बीमार है या कुछ और? अध्यक्ष महोदय सदन का क्या प्रावधान है, आपकी अनुमति के बिना कोई कितने दिनों तक सदन से अनुपस्थित रह सकता है? नेता प्रतिपक्ष न बजट और न ही किसी अन्य चर्चा में एक शब्द बोले हैं। लगातार 17 दिनों तक सदन से नेता प्रतिपक्ष का अनुपस्थित रहना इतिहास में दर्ज होगा।
वक्तव्य के कुछ मुख्य बिंदु
- 2004-05 को बजट जहां मात्र 23,885 करोड़ का था वहीं 2019-20 का बजट 2 लाख 501 करोड़ का है।
- सूबे का एक भी बाढ़ पीड़ित परिवार 6 हजार की सहायता राशि से वंचित नहीं रहेगा। इस साल अब तक 12 जिले के 104 प्रखंडों की 467 पंचायत में 72.78 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अब तक 102 लोगों की मौत हुई है तथा 4 लाख 91 हजार पीड़ित परिवारों को 6-6 हजार की दर से 295 करोड़ की सहायता राशि उनके खाते में हस्तांतरित की जा चुकी है।
- 2017 में बाढ़ से 1 करोड़ 72 लाख लोग प्रभावित थे। 38 लाख परिवारों को 6-6 हजार की दर से 2358 करोड़ की सहायता राशि उनके खाते में भुगतान किया गया था। उस समय 649 लोगों की मौत हुई थी।
- बाढ़ से मुकाबले के साथ ही 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर 14 लाख 19 हजार किसानों को 931 करोड़ की सहायता राशि दी गयी है। बिहार राज्य फसल सहायता योजना से 3,85,117 किसानों को 317.3 करोड़ की राशि डीबीटी के जरिए दी गयी है।
- आपदा के लिए इस साल 4320 करोड़ का प्रावधान किया गया है जबकि कंटिजेंसी फंड को बढ़ा कर 8020 करोड़ कर दिया गया है।
- शिक्षा पर 32798 करोड़ खर्च का प्रावधान है। 2020 अप्रैल तक राज्य की सभी 8386 पंचायतों में उच्च माध्यमिक उच्च विद्यालय की स्थापना कर दी जायेगी। अब तक 5510 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी हैं। उन्नयन बांका योजना के तहत स्मार्ट क्लास की पूरे देश में काफी प्रसंशा हुई है। राज्य के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास शुरू करने के निर्णय के तहत 5726 उच्च माध्यमिक विद्यालयों को 90-90 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करा दी गयी है। अगस्त, 19 से स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई प्रारंभ हो जायेगी।
- सभी 38 जिलों में कुल 137 इंजीनियरिंग व पाॅलीटेक्नीक (54 इंजीनियरिंग कॉलेज जिसमें 9215 छात्रों का नामांकन व 10 जिलों में 16 प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ ही 71 पाॅलीटेक्नीक जिनमें 11323 छात्रों का नामांकन होगा) की स्थापना हो चुकी हैं। 2007 में जहां मात्र 29 सरकारी आईटीआई थी वहीं अब 149 सरकारी व 1167 प्राइवेट आईटीआई है।
- 13 साल में (2006 से 2019 जून तक) कुल 90,813 किमी सड़कों का निर्माण 43,508 करोड़ खर्च कर कराया गया है। इस साल 4946.38 करोड़ खर्च कर 18,311 किमी सड़क की मरम्मत व 40,857 किमी सड़की का अनुरक्षण किया जायेगा। 7 वर्षों में सड़कों के अनुरक्षण पर 6655 करोड़ खर्च किया जायेगा। 2019-20 में ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण विभाग की सड़कों पर 17923 करोड़ तथा अनुरक्षण पर 900 करोड़ व्यय किया जायेगा।
- बिहार में 2018-19 में 12,02,188 गाड़ियों की बिक्री हुई,जबकि 2008-09 में मात्र 2 लाख 20 हजार गाड़ियों की बिक्री हुई थी। 2017-18 में 11,13,806 तथा 2016-17 में 7,63,618 गाड़ियां की बिक्री हुई थी। सबसे ज्यादा 83 प्रतिशत मोटरसाइकिल, 5 प्रतिशत कार, 4 प्रतिशत थ्री व्हीलर व 4 प्रतिशत ट्रक की बिक्री हुई है। 2018-19 में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में 3 करोड़ 20 लाख लोगों ने यात्राएं की है।