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मगध के बाद अब पूर्णिया विवि के कुलपति भी लपेटे में, विजिलेंस ने सबूत सहित जवाब मांगा

पूर्णिया : मगध विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के बाद विजिलेंस की टीम ने सख्त रवैया अपनाते हुए पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति से भी करोड़ों रुपए की खरीदारी के मामले में साक्ष्य सहित जवाब मांगा है।

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पूर्णिया विश्वविद्यालय में परीक्षा सामग्री, रजिस्ट्रेशन फॉर्म नामांकन फॉर्म, विजिटिंग कार्ड में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की आशंका है। जिसके बाद इसको लेकर भी बड़े स्तर पर जांच शुरू हो गई है। इस मामले में जांच प्रक्रिया शुरू करते हुए स्पेशल विजिलेंस की टीम ने पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति को 19 नवंबर इस मामले में जवाब देने के लिए एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में 13 बिंदुओं को रेखांकित करते हुए साक्ष्य के साथ जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। इसके लिए लगभग 3 सप्ताह का समय दिया गया।

इस पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा सामग्री खरीदने के लिए निविदा निकाली गई है या नहीं, यदि निकाली गई है तो नियम परिनियम का पालन किया गया है या नहीं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को 6 दिसंबर तक संपूर्ण लेखा जोखा प्रस्तुत करना होगा।

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परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव तथा तत्कालिक कुलपति का घेरे में आना तय

वहीं, इस मामले को लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति के संस्थापक आलोक राजू का कहना है कि विजिलेंस द्वारा की जा रही जांच में परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव तथा तत्कालिक कुलपति का घेरे में आना तय है। विश्वविद्यालय के आय व्यय और क्रय में कुलसचिव सर्वोपरि होते हैं। परीक्षा नियंत्रण के तरफ से डिमांड रखी जाती है पर ऑडर सहित सभी वित्तीय कार्य कुलसचिव के स्तर पर किया जाता है।

बता दें कि विजिलेंस की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के घर छापेमारी के 2 दिन बाद ही पूर्णिया विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति से तेरह बिंदुओं पर साक्ष्य के साथ जवाब मांगा है। वहीं, पूर्णिया विश्वविद्यालय के डॉ कुलसचिव रविंद्रनाथ ओझा का कहना है की विजिलेंस का पत्र अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं मिला है। पत्र प्राप्ति के बाद ही कुछ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है।