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आफ्टर इफेक्ट हो सकता है खतरनाक, देश में कोरोना के ये हैं हालात

इन दिनों कोरोना चर्चा का हॉट टॉपिक बना हुआ है। देश-विदेश में कोरोना नए रूप रंग के साथ अपना पैर पसार रहा है। ऐसे में कुछ शोध संस्थानों द्वारा अलग-अलग दावे भी किए जा रहे हैं। इस बीच कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ऑफ इंपीरियल कॉलेज के शोध से वैज्ञानिकों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण मरीजों को 20 वर्ष बूढ़ा बना रही है।

बता दें कि, इससे पहले भी वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस और दिमाग के बीच के कनेक्शन को ढूंढने के लिए कई शोध किए गए हैं। जिसमें भूलने की बीमारी, दिमाग में खून के थक्के जमने की बात की गई है। इसके साथ ही नई स्टडी में इंटेलिजेंस कोशेंट (IQ) के बारे में बात की गई है।

गौरतलब है कि, इससे पहले भी कई प्रकार कोरोना के आफ्टर इफेक्ट (after effect) देखे गए हैं। जिसमें कोरोना से उभरे मरीजों को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ा है। जानकारी हो कि, ब्लैक फंगस जैसी खतरनाक बीमारी भी कोरोना का आफ्टर इफेक्ट (after effect) ही था। एक और नए शोध के मुताबिक कोरोना से प्रीटर्म बर्थ का भी खतरा हो सकता है। इसमें प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमण होने से बच्चे का समय से पहले पैदा होने का खतरा रहता है।

बता दें कि, इस शोध में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे लोगों को शामिल किया जो 2020 में कोरोना के मरीज रह चुके हैं। शोध के अनुसार वैज्ञानियों ने इन लोगों को 10 महीनों तक फॉलो किया। जहां कुछ लोगों में सुधार देखा गया, वहीं कुछ लोगों की यादाश्त बिगड़ते देखा गया। इस शोध में यह भी देखा गया कि जिनकी उम्र 50 वर्ष की है, उनकी दिमाग की उम्र 70 पहुंची है। मतलब दिमागी उम्र में 20 वर्ष बूढ़े हुए हैं। इसके चलते उनमें डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) जैसी दिमागी बीमारी की संभावना रहती है।

देश में कोरोना का हाल

वहीँ, इधर बीते दिन देश में कोरोना के 2568 नए मामले मिले, जबकि अकेले दिल्ली में 1076 नए मामले मिले हैं। इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में कुल 20 लोगों की मौत हुई है। हालांकि पिछले 5 दिनों में कोरोना के मामलों में थोड़ी कमी जरूर आई है। बात करें देश में एक्टिव मामलों की तो यह संख्या 13137 है। वहीं, बिहार में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 45 है। मौजूदा समय में बिहार के हालात राजधानी दिल्ली के मुकाबले काफी बेहतर नजर आ रहे हैं ।

सौरव झा