एईएस से प्रभावित सूबे के 12 जिलों में होगा अनिवार्य रूप से दवाओं का वितरण
पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एईएस से लड़ने के लिए पूरी तरह से अलर्ट है और रोकथाम को लेकर प्राथमिक उपचार पर विशेष बल दिया जा रहा है। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की टीम विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में एईएस प्रभावित विभिन्न जिलों में गई।
अपर मुख्य सचिव अमृत के साथ स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह एवं विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर सहित अन्य वरीय अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। वहीं एसकेएमसीएच के पीकू अस्पताल में एईएस को लेकर की गई तैयारियां की समीक्षा की एवं एसकेएमसीएच अधीक्षक सहित वरीय चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके अलावा टीम ने जिला प्रशासन के साथ भी एईएस की तैयारियों को लेकर चर्चा की।
एईएस के प्राथमिक उपचार हेतु आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को अनिवार्य दवाएं बांटी जा रही है, जो एईएस प्रभावित 12 जिलों में जरूरत के हिसाब से वितरण करेंगी, ताकि एईएस से सुरक्षात्मक निवारण हो सके। एईएस के प्रभाव को देखते हुए प्राथमिक स्तर पर कार्य को प्रभावी बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है।
इन जिलों में 48 हजार 218 आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस कार्य में लगाया गया है, जिनको चार लाख 82 हजार 180 ओआरएस पाउच व 48 हजार 218 पैरासिटामोल सिरप का बोतल प्रदान किया गया है। सभी दवाएं प्राथमिक उपचार के तौर पर बीमारी से लड़ने में कारगर हैं। जिलों में इन दवाओं की आपूर्ति कर दी गयी है। इस कार्य में 37 हजार 871 आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है। बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरत पड़ने पर और भी दवाओं को भेजा जा सकता है।
पांडेय ने कहा कि एईएस की रोकथाम एवं शीघ्र प्राथमिक उपचार की व्यवस्था को अत्यधिक प्रभावी बनाने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है। आशा कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी दवा के वितरण में लगाया गया है। जिन जिलों में दवा बांटी जाएंगी उनमें पटना, गोपालगंज, सारण, सिवान, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण,मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली शामिल हैं।