आडवाणी की जुबानी, सुषमा के भाजपा से जुड़ने, बढ़ने और उत्कर्ष की कहानी

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नयी दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बुधवार को दिन के तीन बजे के बाद अंतिम संस्कार होगा। सुषमा जी के जाने से वैसे तो पूरा देश मर्माहत है, लेकिन भाजपा के लौहपुरुष रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने एक खास अंदाज में अपनी प्रिय शिष्या को श्रद्धांजलि दी। आडवाणी ने सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनके साथ गुजारे एक—एक लमहे को याद किया तथा कहा कि उनका निधन न सिर्फ देश बल्कि निजी तौर पर उनके लिए एक बड़ी क्षति है।

आडवाणी ने अपना शोक संकल्प यूं लिखकर व्यक्त किया

आडवाणी जी ने लिखा—सुषमा एक ऐसी नेता थीं जिन्हें मैंने भाजपा के जन्म के साथ पलते, बढ़ते और उत्कर्ष पर पहुंचते देखा। 80 के दशक में जब मैं पार्टी का अध्यक्ष था तो सुषमा स्वराज एक युवा नेता के तौर पर उभर रही थीं। मैंने उनकी प्रतिभा पहचानकर उन्हें अपनी टीम में शामिल किया।

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सुषमा समय के साथ पार्टी में प्रमुख नेता बनती चली गईं और देश की महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनीं। आडवाणी लिखते हैं कि वह एक प्रखर वक्ता थीं, जो किसी भी बात को बेहतरीन तरीके से बताने की क्षमता रखती थीं। वह एक शानदार इंसान थीं। उन्होंने हर किसी का दिल जीता। आडवाणी याद करते हुए लिखते हैं कि उनके जन्मदिन पर वो फेवरेट चॉकलेट केक लाना नहीं भूलती थीं। सुषमा का जाना देश और निजी तौर पर उनके लिए एक बड़ी क्षति है।
मालूम हो कि सुषमा स्वराज को हमेशा आडवाणी कैंप का नेता माना जाता रहा। वाजपेयी सरकार में भी सुषमा ने बतौर मंत्री काम किया और अपने निर्णयों से हर किसी का दिल जीता।

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