अब तक नवादा ने एक ही महिला पर जताया है भरोसा

0

नवादा : सन 1952 से 2014 के बीच लोकसभा के लिए कुल 16 चुनाव हुए हैं। लेकिन अबतक सिर्फ एक मौका ही ऐसा आया जब नवादा से किसी महिला प्रत्याशी पर जनता ने भरोसा जताया हो। अब 2019 के 17वें लोकसभा चुनाव में महागठबंधन से राजद ने महिला प्रत्याशी पर दांव लगाया है। ऐसे में नवादा जिले में यह चर्चा आम हो गई है कि क्या यहां एक बार फिर इतिहास दोहराया जाएगा?

मालती देवी ने तोड़ा था मिथक

जी हां, नवादा से अबतक सिर्फ एक ही महिला सांसद निर्वाचित हो सकी हैं। 1998 के मध्यावधि चुनाव में यहां से राजद की मालती देवी ने भाजपा के कामेश्वर पासवान को कांटे की टक्कर में 14 हजार 384 मतों के अंतर से हराया था। इसके साथ ही यह मिथक टूट गया था कि यहां से कोई महिला नहीं जीत सकती है। तब मालती देवी को 4 लाख 5 हजार 495 वोट मिले थे। वहीं रनर अप रहे भाजपा के कामेश्वर पासवान को 3 लाख 91 हजार 111 मत मिले थे। मालती देवी 12वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जीती थीं।

swatva

दो मौकों पर महिला प्रत्याशियों ने पेश की चुनौती

इसके पूर्व के 11 चुनावों में कोई भी महिला प्रत्याशी नवादा के चुनावी मुकाबले में सीधी चुनौती पेश नहीं कर पाई थी। जीतने व हारने वाले सभी पुरूष अभ्यर्थी ही रहे थे। 1998 के बाद 2009 तक कुल चार चुनाव हुए। जिसमें 2009 में ही एक मौका ऐसा आया जब महिला प्रत्याशी रनर अप रहीं। तब लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी भाजपा के भोला सिंह से चुनाव हार गई थीं। यह आंकड़े बताते हैं कि अबतक के 16 चुनावों में वीनर-रनर अप रहे कुल 32 प्रत्याशियों में दो ऐसे मौके आये जब महिला प्रत्याशी पुरुषों को चुनौती दे सकी हैं। अब जबकि महागठबंधन की विभा देवी स्थानीय प्रत्याशी के रूप में एकबार फिर मैदान में दस्तक दे रही हैं तथा ‘नवादा का नेता—नवादा का बेटा’ का नारा फिजा में काफी दिनों से गूंज रहा है, तो ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होना तय माना जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here