अब बिहार में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का ईलाज, पटना एम्स में शुरुआत
पटना : अब बिहार में भी कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों का ईलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया जाएगा। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च नयी दिल्ली ने इसके लिए पटना एम्स को मंजूरी दे दी है। यह पिछले दो दिनों से कोरोना का भीषण हमला झेल रहे बिहार के मरीजों के लिए काफी राहत वाली खबर है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी से ईलाज की मुकम्मल तैयारी शुरू कर दी गई है और इसे बहुत जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
आइए जानते हैं प्लाज्मा थेरेपी से कैसे होता है ईलाज
जानकारी के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना से पूर्व में संक्रमित हुए और बाद में स्वस्थ हो गए मरीज की मदद से ईलाज किया जाता है। इसमें कोरोनावायरस का संक्रमण होने पर पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इसके खिलाफ एंटी बॉडी बनती है। एंटी बॉडी वायरस को खत्म कर देती है। मरीज के ठीक होने के बाद भी उसके खून में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ने के लिए बनी एंटी बॉडी मौजूद रहती है। अब ठीक हुए मरीज का खून लिया जाता है और उससे प्लाज्मा अलग कर लिया जाता है। इसके बाद ठीक हुए मरीज के एंटी बॉडी वाले प्लाज्मा को कोरोना से संक्रमित हुए अन्य मरीज के खून में डाला जाता है जिससे संक्रमित मरीज के शरीर में भी एंटी बॉडी बनने लगता है और वह स्वस्थ हो जाता है।
कोई साइड इफेक्ट नहीं, यूएस, मुंबई, दिल्ली में प्रभावी
अमेरिका में अभी इसी तकनीक से कोरोना से लड़ाई लड़ी जा रही है जो कारगर साबित हो रही है।भारत में इसे मुंबई और दिल्ली में शुरू किया गया है। अब इसे पटना में भी कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए अपनाने का निर्णय लिया गया है। आईसीएमआर के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीज की इम्युनिटी बढ़ाई जाती है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इससे कोरोना के गंभीर मरीजों में ऑर्गन फेल्योर को शून्य किया जा सकता है।