पटना: राजधानी के डेंगू मरीजों को अब घबराने की कोई जरूरत नहीं। अब शहर में प्लेटलेट्स की कमी उन्हें महसूस नहीं होगी। पीएमसीएच ने अब अपने यहां भर्ती मरीजों के अलावा बाहर के मरीजों को भी प्लेटलेट्स मुहैया कराने का निर्णय लिया है। दुर्गापूजा की छुट्टियों के दौरान जरूरी मात्रा में रक्तदान नहीं हो पाया था। इस वजह से बाहरी मरीजों को स्टॉक से रक्त नहीं दिया जा रहा था।
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि इस हफ्ते प्रतिदिन 200 मरीजों की जांच में औसतन रोजाना 40 मरीज डेंगू से ग्रसित मिल रहे हैं। मेन्टेनेंस थेरेपी जैसी मूल चिकित्सीय सेवा से 7-8 दिनों में इस वायरल बीमारी से निपटा जा सकता है। पीएमसीएच स्थित डेंगू वार्ड में फिलहाल 36 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। हालांकि मरीज बताते हैं कि वार्ड में भर्ती होने के लिए पैरवी लगानी पड़ती है। वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों से बातचीत के दौरान पता चला कि व्यवस्थाएं अच्छी हैं। साफ-सफाई की भी सुविधा है, पर डॉक्टरों की देखरेख में मरीजों को वार्ड में जगह नहीं मिल पाता और ज़मीन पर सोना पड़ता है।
मिलती रहे मेडिकल काउंसिलिंग
मेडिकल काउंसिलिंग के संबंध में डा. प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता अभियान की मुहिम चलानी चाहिए। सरकार द्वारा अखबारों में विज्ञाप्ति और विज्ञापन के माध्यम से इस दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। बारिश के बाद मच्छरों के पनपने का अनुकूल मौसम होता है। जहां एनोफिलिज़ जैसे मलेरिया वाले मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं, वहीं “एडिज़ एजिप्टि” जैसे डेंगू मच्छर स्वच्छ पानी में जन्म लेते हैं। हालांकि डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या और इसके लिए कोई दवा का न होना चिंता का विषय है।
(सत्यम/सोनू/राजन)