नयी दिल्ली : इस वर्ष फरवरी माह में देश की राजधानी नयी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के लिए पुलिस ने आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और पार्षद ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताते हुए उसके खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। पुलिस का कहना है कि दंगा कराने के लिए ताहिर ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे। इसके लिए वह पूर्व जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और शाहदरा के खुरेजी खास दंगे में आरोपी खालिद सैफी के संपर्क में थे।
दंगों से ठीक पहले रिलीज करवाई लाइसेंसी पिस्टल
दिल्ली पुलिस ने दंगों के लिए ताहिर समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें ताहिर का छोटा भाई शाह आलम भी है। जांच में सामने आया कि ताहिर ने दंगे के दौरान अपनी लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल किया था। जिसे उसने दंगे शुरू होने के ठीक एक दिन पहले ही रिलीज करवाया था। पुलिस ने बताया कि ताहिर ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में 1.1 करोड़ रुपये शेल कंपनियों में ट्रांसफर करवाए फिर बाद में उन पैसों को कैश में ले लिया और दंगों में इस्तेमाल किया। इसमें मीनू फैब्रिकेशन, एसपी फाइनैंशल सर्विस, यूद्धवी इंपेक्स, शो इफेक्ट एडवर्जाइजिंग और इसेंस सेलकॉम नाम की कंपनी को पैसे ट्रांसफर हुए थे। ताहिर के घर पर कई सीसीटीवी हैं लेकिन वहां 23 से 28 के बीच की कोई रेकॉर्डिंग नहीं है।
जेएनयू के पिंजरा तोड़ ग्रुप ने दंगे भड़काये
ताहिर से दंगे से सिर्फ एक दिन पहले खजूरी खास थाने में जमा अपनी पिस्टल निकलवाई थी। ऐसा क्यों किया इसका ताहिर के पास जवाब नहीं। उनके नाम पर 100 कार्टेज इशू हुए थे। इसमें से 64 बचे हैं। इस्तेमाल गोलियों का कोई हिसाब नहीं है। नॉर्थ ईस्ट के दंगों को लेकर नेहरू विहार से पार्षद ताहिर हुसैन 10 केसों में आरोपी हैं। चार्जशीट कहती है कि दंगे से पहले खालिद सैफी और उमर खालिद से ताहिर की मुलाकात हुई थी। इसका सबूत उनकी मोबाइल लोकेशन है।
वायरल हुआ था ताहिर का वीडियो
दिल्ली दंगों के दौरान छत में हाथ में डंडा लिए हुए घूम रहे पार्षद ताहिर हुसैन का विडियो वायरल हुआ था। अगले दिन उनकी छत पर पेट्रोल बम, गुलेल, ईंट-पत्थर मिलने की खबरें खूब चली थीं। जांच के दौरान अब साजिश की गहरी जड़े भी सामने आई हैं। पुलिस का दावा है कि खजूरी खास इलाके में रहने वाले ताहिर नॉर्थ ईस्ट दंगों के मास्टरमाइंड में से एक है। वह जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट उमर खालिद और शाहदरा के खुरेजी खास दंगे में आरोपी खालिद सैफी के टच में थे। दावा किया गया है कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और दंगे कराने वाले बड़े ग्रुप उमर खालिद और खालिद सैफी के संपर्क में थे। उन्होंने इलाके में दंगों को कराने की साजिश रची हुई थी। आईबी स्टाफर अंकित शर्मा मर्डर केस में भी ताहिर शामिल है। स्पेशल सेल ने ताहिर को भी UAPA के तहत बुक किया है।
पिंजरा तोड़ ग्रुप का सनसनीखेज कबूलनामा
चार्जशीट के मुताबिक पिंजरा तोड़ ग्रुप की देवांगाना और नताशा ने बताया कि वे एक साजिश के तहत धरने पर बैठी थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 22 फरवरी को भारत आने से पहले वह जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे रोड जाम करके बैठ गई थीं। मकसद दूसरे समुदाय के लोगों को भड़काना था, ताकि हिंदू-मुस्लिम दंगा कराया जा सके। दोनों की कॉल डिटेल खंगालने पर पाया कि वे इंडिया अगेंस्ट हेट ग्रुप और जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट उमर खालिद के संपर्क में थीं। इन दोनों समेत अन्य लड़कियों के खिलाफ और सबूत जुटाए जा रहे हैं, जिनके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। नॉर्थ ईस्ट में फरवरी में हुए दंगों को दिसंबर में हुए 10 दंगों से जोड़ा गया है।