बिहार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास

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पटना : गांधी जी की पुण्यतिथि व जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि से जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने ’भारत पुनर्निर्माण अभियान’ का सूत्रपात किया है। इस अभियान के नाम में प्रयोग किए गए शब्दों को सुनने से प्रतीत होता है कि यह किसी राष्ट्रवादी या दक्षिणपंथी संस्था द्वारा शुरू किया गया है। लेकिन, यह ठीक विपरीत है।

इस अभियान की शुरूआत करने बिहार आए राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात किया साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रशंसा भी की। वहीँ इसके बाद राजेंद्र सिंह ने अपने अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनका ’भारत पुनर्निर्माण अभियान’ देश के सर्वांगिण विकास के निमित्त तैयार किया गया है। इसमें पर्यावरण संरक्षण, व्यवस्था में पारदर्शिता व कृषि कार्य आदि प्रमुख हैं। लेकिन, इसके बरक्स वास्विकता कुछ और ही है।

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वहीं उनके इस अभियान को लेकर कुछ जानकारों का कहना है कि ’भारत पुनर्निर्माण अभियान’ किसान आंदोलन को उद्वेलित करने के बीज हैं। यानी की हाल में सिंधु बाॅर्डर पर जो किसान आंदोलन हो रहा है, उसी के लिए बिहार में जमीन तलाशने की कोशिश है। ’भारत पुनर्निर्माण अभियान’ के इस विवेचना के ठोस साक्ष्य मौजूद हैं, जो इस अभियान के पीछे छिपे असल मंशा को बेपर्दा कर देंगे।

इसके साथ ही उनका कहना है कि स्वामी अग्निवेश आपको याद होंगे। गेरुआ वस्त्र धारण करने वाले इस व्यक्ति की राजनीतिक महत्वकांक्षा किसी से छिपी नहीं है। इससे भी बड़ी बात की नक्सलवादी विचार को हवा देने में भी अग्निवेश संलिप्त रहे थे। स्वामी की टीम के लोग इस अभियान में मुख्य भूमिकाओं में हैं। उदाहरण के लिए मनोहर मानव जैसे लोग जो स्वामी के कामों को अमलीजामा पहनाते थे, वे अब ’भारत पुनर्निर्माण अभियान’ में राजेंद्र सिंह को सामने रखकर अपनी मंशा पूरी करेंगे।

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