5 दिन रोजगार 2 दिन कोरोना पर प्रहार , सर्वदलीय बैठक में वीकेंड लॉकडाउन की मांग
पटना : कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बिहार समेत कई अन्य राज्यों में हड़कप मच गई है। बिहार में हालत दिनों दिन अधिक खराब होते जा रहे हैं। वहीं इस बीच बिहार के राज्यपाल ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
वहीं इस सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कोरोना आपदा से लड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने ‘5 दिन रोजगार-2 दिन कोरोना पर प्रहार’ का सुझाव देते हुए शुक्रवार शाम 6:00 बजे से सोमवार की सुबह 8:00 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आग्रह किया।
62 घंटे की बंदी से कोरोना का चेन ब्रेक होगा
इसके साथ ही संजय जयसवाल ने कहा कि प्रत्येक सप्ताह 62 घंटे की बंदी से कोरोना का चेन ब्रेक होगा, जिससे संक्रमण की दर घटेगी। इसके लिए बृहस्पतिवार से ही जनता को जागरूक करना शुरू कर देना होगा जिससे किसी को कोई समस्या ना हो। उन्होंने कहा कि लोगों के घर में रहने से न केवल इस आपदा पर काबू पाने में सहायता मिलेगी बल्कि आम जनता भी सुरक्षित रहेगी।
18 अप्रैल से 1 जून तक गर्मी की छुट्टी घोषित कर देने का सुझाव
कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप से बच्चों में फैल रहे संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ जायसवाल ने 18 अप्रैल से 1 जून तक गर्मी की छुट्टी घोषित कर देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस कदम से बच्चों और स्कूल के कर्मियों को कम से कम नुकसान होगा। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर दशहरे और जाड़े के समय होने वाली छुट्टियां कैंसिल करके कम से कम डेढ़ सौ दिन क्लास चलाए जा सकते हैं।
चिकित्सकों की डीसीएच में तैनाती की मांग
तीसरा सुझाव देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर बिहार के बेतिया, मधेपुरा, दरभंगा जैसे जिलों में कोविड से निपटने के लिए एक भी डेडिकेटेड अस्पताल नहीं है, इस दिशा में कारवाई तुरंत प्रारंभ की जाए। हर कमिश्नरी में जिस अस्पताल में सबसे अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध हो, उस एक अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया जाए और चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सभी विभागों के चिकित्सकों की डीसीएच में तैनाती की जाए।
फ्रंटलाइन वर्कर्स का हो विशेष ख्याल
इसके साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अपनी जान हथेली पर लेकर कोरोना से जूझने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए। उनके लिए हर समय कम से कम 50 बेड रिजर्व रखने चाहिए, जिससे संक्रमण की चपेट में आने पर इन योद्धाओं को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा उन्होंने चंपारण के डीएम के साथ हुई बैठक में जिले में कहीं भी रेमडीसिवर और टोसिलीजुमैब की उपलब्धता न होने के बारे में बताते हुए डॉ जायसवाल ने इस तरह की जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करवाने का अनुरोध किया।