अररिया : माधोपाड़ा में हुई हत्या के चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस वारदात की गुत्थी सुलझाने में नाकाम है। हालांकि एक आरोपी मो.आरिफ को पुलिस ने जेल भेज दिया है, लेकिन अन्य तीन आरोपियों की अबतक गिरफ्तारी नहीं होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है।
वहीं मृतका के परिजन भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस बाबत मृतका के देवर आमूल ने बताया कि उनके भाई तथा मृतका के पति आलम के द्वारा दिए गए आवेदन में नामजद बनाए गए चार में से तीन जैनुद्दीन, आलम तथा नौशाद अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। लेकिन वे ठाठ से बगैर पुलिस की परवाह किए अपने घर पोखरिया पंचायत के माधोपाड़ा गांव में ही रह रहे हैं। सिर्फ पुलिस वाहन की आवाज सुनकर कुछ देर के लिए छिपते हैं। फिर अपने घर में निडर होकर रहते हैं। जबकि आमूल ने ये भी बताया कि प्रशासन द्वारा सुरक्षा के रूप में दिए गए पुलिसकर्मी भी बेपरवाह तरीके से काम कर रहे हैं।
पूछने पर बैरगाछी ओपी अध्यक्ष किंग कुंदन ने बताया कि ये आरोप बिल्कुल गलत है। पुलिस अन्य बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पोखरिया सहित अन्य जगहों पर सघन छापेमारी कर रही है तथा जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
पेट्रोल छिड़कर महिला को जिंदा जलाने में दो नाबालिग कोर्ट में पेश
अररिया : अररिया के रानीगंज के खरहट गांव में पेट्रोल छिड़ककर महिला को जिंदा जलाने के मामले में दोनों विधि विरुद्ध किशोर को पुलिस ने अपने अभिरक्षा में लेकर संबंधित न्यायालय में पेश किया है। रानीगंज थानाध्यक्ष शम्भू कुमार ने बताया कि दोनों आरोपी नाबालिक हैं इनको आरोपी नहीं कह सकते हैं विधि विरुद्ध होगा, इसको गिरफ्तार करना भी नहीं कह सकते है अभिरक्षा होगा, इसको पुलिस सादे वर्दी में अभिरक्षा (गिरफ्त) में लिया गया है।
गौरतलब है कि रानीगंज के खरहट में जलेबी फल तोड़ने के विवाद में अमली देवी और उनकी विवाहित बेटी शोभा देवी को पेट्रोल छिड़ककर पड़ोस के कुछ लोगों ने जिंदा जला दिया था। इसमें अमली देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई और बेटी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। इस मामले में कुल पांच लोग आरोपी बनाए गए हैं, जिसमें कुछ नाबालिग भी हैं।
संजीव कुमार झा