30 वर्षों में 30 हजार की भीड़ जुटा पाए राहुल? कितनी बढ़ी ताकत?
पटना : कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी की पटना रैली कई मायनों से खास रही। जहां केंद्र और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया, वहीं कांग्रेस ने रैली के बहाने महागठबंधन के घटकों को भी साफ संदेश दे दिया कि वे उसे हल्के में न लें। करीब 30 वर्षों बाद आज कांग्रेस ने अपने दम पर बिहार में कोई बड़ी रैली की। इसके महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी की बिहार इकाई ने इसमें पूरी ताकत झाेंक दी। लेकिन भीड़ के लिहाज से कहें, या मंच पर मौजूद नेताओं के बॉडी लैंग्वेज के लिहाज से, यह रैली उत्साह में ज्यादा लेकिन विश्वास में पीछे रही।
अल्पसंख्यकों की बड़ी भागीदारी से राजद के कान खड़े
लब्बोलुआब यह कि 30 वर्षों के गैप के बाद कुल जमा 30 हजार की भीड़ इकट्ठी हो पाई। लगभग तीन चौथाई गांधी मैदान खाली रह गया। यहां तक की कुर्सियां भी खाली पड़ी थीं। हां, रैली में शामिल अल्पसंख्यकों की बड़ी भागीदारी ने महागठबंधन के बिहार में बड़े भाई राजद के कान जरूर खड़े कर दिये। यही नहीं, रैली को लेकर हम का स्टैंड भी चौंकाने वाला रहा जिसने बैड एलिमेंट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर गलत लोगों को भीड़ जुटाने में लगाने का दोषी ठहरा दिया। बहरहाल, कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी तय समय पर जन आकांक्षा रैली में पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। तमाम आरोप लगाए। पटना यूनिवर्सिटी से लेकर किसानों की कर्जमाफी और राफेल से लेकर मेहुल चौकसी तथा निरव मोदी तक, सभी की चर्चा की।
मंच पर मौजूदगी, लेकिन खिंचाव की झलक
लंबे समय बाद बिहार में कांग्रेस ने अपने बल पर बड़ी रैली की। इसके माध्यम से कांग्रेस के साथ विपक्षी महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन भी हुआ। लेकिन घटक दलों के नेताओं की वाणी का ओज और संबंधों की गरमाहट में खिंचाव की बू भी दिखी। यद्यपि राहुल गांधी इस रैली में तेजस्वी यादव के साथ पहुंचे, लेकिन सीट शेयरिंग में बड़ा हिस्सा पाने की कांग्रेस की कोशिश संबंधों की गरमाहट में सेंध लगाती प्रकट हो रही थी। रैली के मंच पर कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी थे। तेजस्वी के अलावा शरद यादव, जीतन राम मांझी, वाम नेता आदि मंच पर बैठे थे। वहीं, मोकामा के निर्दलीय विधायक व बाहुबली नेता अनंत सिंह भीड़ के आगे पहली पंक्ति में रैली में सक्रिय दिखे।
क्या कहा राहुल गांधी ने
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश का चौकीदार चोर है। उन्होंने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर झूठे वादे करने का आरोप भी लगाया। साथ ही यह भी कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विवि का दर्जा देंगे। राहुल ने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व राजस्थान में हमने कर्ज माफ करने का वादा किया और सरकार में आते ही सारा कर्ज माफ कर दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले नारा लगता था कि अच्छे दिन आएंगे, अब नारा लगता है कि चौकीदार चोर है। रैली में तेजस्वी यादव ने राहुल को पीएम मैटेरियल तथा नरेंद्र मोदी को झूठ की फैक्ट्री बताया। तेजस्वी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार विरोधियों के पीछे सीबीआई लगाती है। उन्होंने कहा कि मोदी भले ही लालू प्रसाद यादव के पीछे सीबीआई, आयकर व इडी को लगा दें लेकिन लालू को लोगों को दिलों से नहीं निकाल पाएंगे।